शिवपुरी l कहा जाता है कि जिसके पास जज्बा होता है वह पहाड़ से सीने को चीरकर अपना रास्ता बना लेता है। जहां युवा खेती से मुंह मोड़ते हैं वहीं इनके बीच कुछ प्रगतिशील किसानों में ऐसे एक किसान हैं जो प्रेरणा लेकर आज प्रेरक बने हुए हैं। इन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी के वैज्ञानिकों से कृषि तकनीकियों के अनुपालन के साथ अपनी मेहनत और लगन से आज खेती में लाभकारी परिणामों के साथ सफलता के मुकाम पर है।
विगत 15 वर्ष पूर्व यह सामान्यतः परंपरागत खेती में सोयाबीन, गेहूं, चना, सरसों इत्यादि केवल एकल फसल के तौर पर ही करते थे। उन्हें खेती में कम लाभ और आय में निरंतरता नहीं मिलने से इन्होंने कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से कृषि तकनीकियों के द्वारा अपनी परंपरागत खेती में बदलाव किया। इसका जीता जागता उदाहरण है विकासखण्ड शिवपुरी के ग्राम किरौली निवासी कृषक सज्जन सिंह। जिनकी उम्र 48 वर्ष है और इनके पास कुल भूमि 25 एकड़ है। वे अपने खेतों में खरीफ सीजन में टमाटर, शिमलामिर्च एवं बैगन, रबी सीजन में गेहूं, सरसों, गोभी एवं प्याज तथा जायद सीजन में खरबूजा, भिण्डी, खीरा की फसल करते है। जिसका वर्ष भर में सभी फसलों की कुल औसत लागत व्यय 15 लाख रूपए रहता है। वह वर्ष भर में औसत शुद्ध आय समस्त फसलों से 55 लाख रूपए कमाते है। पशुधन मे भी दो गाय एवं तीन भैंसों से 35 लीटर दूध उत्पादन करते हैं,उसे भी वह विक्रय कर आय जनरेट करते है।
सज्जन सिंह का मानना है कि आज का किसान यदि अपनी सूझबूझ एवं वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर खेती करे तो यह व्यवसाय घाटे का नहीं हो सकता है और वह उत्तम खेती मध्यमबान जैसी पुरानी कहावत को चरितार्थ करता हुआ सफलता की नई ऊँचाई को छू सकता है।
सज्जन सिंह अपनी जिंदगी को बहुत ही खुशहाल अपने परिवार जिसमें पत्नी, एक बेटी एवं दो बेटों के साथ उच्च शिक्षा कराते हुए संतुष्टि पूर्ण जीवन-यापन कर रहे हैं तथा खेती को अन्य प्रगतिशील किसानों से मिलने वाली नई जानकारियों तथा नये प्रयोगों को करना भी इनका शौक है। यह समय-समय पर कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी से प्रशिक्षण, प्रदर्शनों तथा उत्साह से कृषि तकनीकियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा एवं विश्लेषण कर अपनाने से साल दर साल सफलता की नई ऊँचाई छू रहे हैं। ऐसे प्रेरक और जुनून वाले किसानों से कृषि में बदलाव कर दौर देखने को मिलता है। कृषि वैज्ञानिक भी इनके मेहनती और कृषि प्रति समर्पण के परिणाम को इनके खेतों में इनकी फसलों और इनको हो रहे लाभ से वैज्ञानिक और आधुनिक खेती की तकनीकियों के हस्तांतरण को सफल मानते हैं।
ड्रोन तकनीक का खेती में उपयोग  हाल ही में किसान सज्जन सिंह ने अपनी प्याज की फसल में पोषक तत्व का स्प्रे ड्रोन के माध्यम से करवाया है।
शिवपुरी जिले के किसान बंधू भी ड्रोन तकनीक के माध्यम से फसलों में जलविलेय पोषक तत्वों एवं अनुशंसित रसायनों का उपयोग करने लगे हैं।