डिंडौरी जिले में रबी सीजन में गेहूं, चना, मटर, मसूर और तिलहनी फसलों की कटाई एवं गहाई का कार्य जारी है। लगातार तापमान में बढ़ोतरी होने से फसलों के सही समय पर उचित प्रबंधन न करने से उत्पादन और गुणवत्ता दोनों ही पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।     अतः किसानों के हित में कृषि विभाग द्वारा जारी ध्यान रखने योग्य बातें :- • देरी से बोई गई दलहनी फसलें कटाई हेतु परिपक्व हो चुकी है। जब ऊपरी पत्तियां और तना सूख चुका हो, 70-80 प्रतिशत फलियां पक चुकी हो। फली से दाने निकाल कर काटा जाए और कट की आवाज आए। तब फसल कटाई हेतु तैयार है। मसूर की कटाई सुबह के समय करने से दाने झड़ने से बचा जा सकता है। •  गेहूं को दानों में 25-30% नमी की स्थिति में कटाई करे। अधिक परिपक्व होने की अवस्था में कटाई करने पर दाने झड़ने और चूहों कीट-व्याधि के प्रकोप से उपज में कमी होती है। •  कटाई करने के बाद खलिहान में 4-5 दिन सुखाकर गहाई कर 10-12% नमी में भंडारित कर लेना चाहिए। परंतु दलहनी फसलों में नमी 10% से अधिक नही होनी चाहिए। •  उपज की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु उपज को ज्यादा समय तक खलिहान में न रखे। •  असामयिक प्राकृतिक आपदाओं (बिजली, वर्षा, और आग इत्यादि) से बचाव हेतु गहाई समय पर कर खलिहान से उपज को सुरक्षित भंडारित करें।