कृषि विभाग द्वारा किया गया सोयाबीन फसल का नैदानिक भ्रमण
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सीहोर कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह के निर्देशानुसार कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विभाग द्वारा संयुक्त रूप से इछावर एवं सीहोर विकासखंड के ग्राम आलदाखेड़ी, हसनाबाद, जहांगीरपुरा, सैकड़ा खेड़ी, महुआ खेड़ी हीरापुर, चन्देरी, लीलाखाड़ी, इमलीखेडा में सोयाबीन की फसल का नैदानिक भ्रमण किया गया।
भ्रमण के दौरान फसल में तना मक्खी कीट, गर्डल बीटल, सेमी लूपर इल्ली एवं राइजोक्टोनिया झुलसा रोग का प्रकोप देखा गया है। इन कीटों के प्रकोप के कारण फसल पीली पडकर सूख रही है। साथ ही इल्ली के प्रकोप के कारण सोयाबीन फसल के फूल एवं कलिया प्रभावित हो रही है एवं अधिक वर्षा एवं जल भराव होने के कारण फसल में राइजोक्टोनिया झुलसा रोग का प्रकोप तेजी से फैल रहा है जिससे फसल पीली पड़ रही है। इन कीट एवं रोगों के त्वरित निदान के लिए कृषको को सलाह दी गई है, कि अनुशंसित कीटनाशक इमामेक्टिन बेन्जोएट +प्रोफेनोफास 150 ग्राम प्रति एकड़ + इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल 50 मिली प्रति एकड़ या बीटासाइफ्लूथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड 130 मिली प्रति एकड+ इमामेक्टिन बेन्जाएट 100 ग्राम प्रति एकड़ एवं रोग के निदान के लिए एजाक्सीस्ट्रोबिन+ टेब्यूकोनाजोल 200 मिली प्रति एकड़ या टेब्यूकोनाजोल +सल्फर 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। साथ ही सभी किसानों को सलाह दी गई है कि अपनी फसलो कि सतत निगरानी करे एवं किसी भी प्रकार की रोग व कीट के प्रकोप होने पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों व कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करे।