दो दिवसीय कृषि मेले का हुआ शुभारंभ

खरगौन l प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार का संकल्प है कि हर किसान की आय दोगुनी हो जाए। इसी संकल्प को लेकर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित की योजनाएं बनाई गई है और उनका प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश का कृषि का बजट 10 लाख 50 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। इसका लाभ हर किसान तक पहुंचेगा। यह बातें सांसद श्री गजेन्द्र सिंह पटेल ने कृषि उपज मण्डी बलवाड़ी खरगोन में दो दिवसीय कृषि मेले के शुभारंभ अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए कही।
कृषि उपज मण्डी बलवाड़ी में कृषि विभाग, आत्मा परियोजना, उद्यानिकी एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कृषि मेले के शुभारंभ अवसर पर विधायक श्री बालकृष्ण पाटीदार, कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल, श्रीमती नंदा ब्राह्म्णे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनुबाई तंवर, उपाध्यक्ष श्री बापूसिंह परिहार, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती छाया जोशी, जनपद अध्यक्ष श्रीमती संतोषी पंवार, जिला पंचायत की कृषि समिति के सभापति, उप संचालक कृषि श्री एसएस राजपूत, उप संचालक उद्यानिकी श्री केके गिरवाल, सहायक संचालक श्री प्रकाश ठाकुर, आत्मा परियोजना की डॉ. माला सोलंकी, कृषि वैज्ञानिक एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद श्री पटेल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि निमाड़ के इस क्षेत्र में मॉ नर्मदा का पानी खेतों तक पहुंचाने का काम हमारी सरकार ने किया है। खरगोन जिले में कृषि आधारित उद्योग लगाने का काम किया जाएगा, जिससे किसानों को अपने उत्पादों का अधिक दाम मिल सकेगा। सांसद श्री पटेल ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को एक साल में 06-06 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई गई है। किसान इन योजनाओं का लाभ लेकर अपनी फसलों का अधिक उत्पादन प्राप्त करें। सरकार द्वारा मिट्टी परीक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। किसान अपनी भूमि का परीक्षण कराकर उसकी आवश्यकता के अनुसार ही खाद का उपयोग करें।
सांसद श्री पटेल ने कहा कि देश में आजादी का अमृतकाल चल रहा है और केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है। किसान अन्नदाता होने के साथ ही जीवनदाता भी है। किसानों के उत्पादन के कारण ही गरीबों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। इस प्रकार किसान जीवनदाता भी है। सांसद श्री पटेल ने बलवाड़ी में कृषि मेले के आयोजन के लिए जिला प्रशासन की सराहना करते हुए किसानों से कहा कि इस मेले में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जो बातें बताई जाएंगी, उनका लाभ उठायें। मेले में लगाएं गए स्टॉलों पर जाकर फसलों के अधिक उत्पादन के लिए तकनीकी ज्ञान प्राप्त करें और उसे अमल में भी लाएं।
विधायक श्री बालकृष्ण पाटीदार ने इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मॉ नर्मदा की कृपा से निमाड़ के हर क्षेत्र में खेतों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल रहा है। इससे निमाड़ क्षेत्र की बंजर भूमि भी उपजाऊ बन गई है। सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण पहले हर 03-04 वर्ष में सूखा पड़ता था और किसान कर्ज में डूबा रहता था। नर्मदा का पानी आने से किसानों की वर्षा पर निर्भरता नहीं रह गई है और किसान अब 03-03 फसल लेने लग गए हैं। इससे निमाड़ क्षेत्र में विकास और समृद्धि दोनों आ रही है। सिंचाई की सुविधा होने से निमाड़ क्षेत्र में वाणिज्यिक फसल के साथ-साथ अनाज और फलों की खेती भी हो रही है। बीटी कपास का निमाड़ क्षेत्र के विकास में विशेष योगदान है।
विधायक श्री पाटीदार ने किसानों से कहा कि कृषि मेले में विशेषज्ञों द्वारा बताई गई बातों को ध्यान से सुने और उसका अपनी खेती में उपयोग करें। प्रदेश सरकार ने मण्डी एवं ब्लॉक स्तर पर मिट्टी परीक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई है। यह सुविधा प्रायवेट क्षेत्र में भी उपलब्ध कराई जा रही है। किसान इसका लाभ लेकर मिट्टी परीक्षण कराएं और उसी के अनुरूप रासायनिक खाद का उपयोग करें। किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें समृद्ध बनाने के लिए सरकार कृषि उपकरणों पर अनुदान दे रही है। किसानों के लिए ड्रीप सिंचाई एक चमत्कार की तरह है। इससे सिंचाई के लिए पानी कम लगता है और फसल का अधिक उत्पादन मिलता है।
कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने इस अवसर पर बताया कि खरगोन जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र वाला है। यहां की 90 प्रतिशत कृषि भूमि सिंचित है। जिले में कृषि आधारित उद्यम लगाने के लिए जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है। डाबरिया में 07 हेक्टेयर जमीन उद्योग विभाग को आवंटित की गई है। इस जमीन पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का प्रयास किया जाएगा। जिससे किसानों का लाभ होगा। आज इस मेले में किसानों को नवीनतम जानकारियां एवं कृषि तकनीक से अवगत कराने के लिए अलग-अलग स्टॉल लगाएं गए हैं। इसके साथ ही इस मेले में किसानों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाया गया है। जिसमें किसानों के आयुष्मान कार्ड बनाने के साथ ही विभिन्न जांचे भी की जा रही है।
कृषि मेले में कृषि वैज्ञानिक डॉ. नरेन्द्र कुमार तांबे ने किसानों को बताया कि कीट नियंत्रण के लिए कपास, ज्वार एवं तुवर के पौधों के बीच अमाड़ी के पौधे जरूरी लगाएं। तुवर के अधिक उत्पादन के लिए धारवाड़ पद्धति को अपनाएं। इसके लिए तुवर के पौधों में कलियां आने पर उन्हें तोड़ दें, इससे कुछ समय बाद पौधे में अधिक संख्या में कलियां आती है और उत्पादन अधिक मिलता है। राजकोट गुजरात से आये कृषि वैज्ञानिक डॉ. नयन गोधविया ने भूमि में सूक्ष्म जीव प्रबंधन पर किसानों को ज्ञानवर्धक जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डॉ. त्यागी ने किसानों को कृषि की लागत कम करने के लिए उद्यानिकी फसलें लगाने का सुझाव दिया।
कृषि मेले में कृषि विभाग, उद्यान, स्वयं सहायता समूहों एवं कृषि आदान विक्रेताओं द्वारा 60 स्टॉल लगाएं गए हैं। इनमें फसलों के अधिक उत्पादन के तरीके बताएं गए हैं। मेले में उन्नत कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। मेले में ड्रोन की सहायता से उर्वरक एवं कीटनाशक के छिड़काव का प्रदर्शन किया गया। मेले में पशु चिकित्सा सेवा विभाग द्वारा निःशुल्क पशु जांच एवं उपचार का काम भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग एवं आयुष विभाग द्वारा शिविर में आये किसानों के बीपी, केंसर, टीबी, आंखों की जांच, सिकलसेल जांच एवं अन्य बीमारियों की जांच कर निःशुल्क दवाएं दी गई। शिविर में पात्र किसानों के आयुष्मान कार्ड भी बनवाएं गए।