गेहूं की देर से बुवाई, तो बीज 25 प्रतिशत ज्यादा व खाद 25 प्रतिशत कम लें
सीहोर l गेंहूं की बुआई में देरी नही करें और किस कारण से देरी हो तो बीज 25 प्रतिशत ज्यादा व खाद 25 प्रतिशत कम लेवें। सिंचित अवस्था व देर से बुवाई के लिए गेहूं की बुवाई 25 दिसम्बर तक करें। खेत की तैयारी के लिए डिस्क हैरो या कल्टीवेटर से 2 से 3 जुताई करें, खेत को समतल कर भुर भुरा बना लें।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने बताया किउपयुक्त किस्में, बीजोपचार व कल्चर उपचार शरबती किस्में- एचआई-1634 (पूसा अहिल्या), एचआई- 1633 (पूसा वाणी), जीडब्ल्यू-499, सीजी 1029 (कनिष्ठ), एमपी-1202, एमपी-1203 हैं। गेहूं के बीज को बुवाई पूर्व कार्बेन्डाजिम या मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज या थायरम 2 ग्राम +1 ग्राम कार्बेन्डाजिम या थायरम + कार्बोक्सिन 3 ग्राम प्रति किलो बीज किसी एक फफूंदनाशक दवा से उपचार करें। गेहूं की फसल में जड़ माहू व दीमक केप्रकोप से बचाव के लिए रसायनिक फफूंदनाशक दवा से उपचार के पश्चात कीटनाशक दवा क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी मात्रा 5 मिली प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। इसके बाद एजोटोबैक्टर कल्चर एवं पीएसबी कल्चर मात्रा 5 से 10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार बीज की मात्रा व बुवाई का तरीका गेहूं के अच्छे उत्पादन के लिए देर से बुवाई की अवस्था में बीज दर की मात्रा सामान्य बीज दर से 25 प्रतिशत बढ़ाकर बोयें। बीज की मात्रा 125 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से लें। खाद की मात्रा सामान्य से 25 प्रतिशत घटाकर उपयोग करें। कतार से कतार दूरी 9' (22.5 सेमी) के स्थान पर 7 पर रखें। बीज की गहराई 5 सेमी से अधिक न हो। गेहूं की फसल में बुवाई के बाद पहली सिंचाई 30 दिन की अवस्था पर करें।
समन्वित पोषक प्रबंधन रबी फसलों की बुवाई के लिए दिए गए समूहों (डीएपी, यूरिया, पोटाश, एन.पी.के. 12:32:16, 16:16:16, 10:26:26, 20:20:0:13) में से किसी एक समूह का चयन कर रबी फसलों की बुवाई करें। समूह-1 (डीएपी, यूरिया, म्यूरेट ऑफ पोटाश से पूर्ति के लिए)- गेहूं सिंचित अवस्था देर से बुवाई में डीएपी-87, यूरिया - 140, एमओपी-50 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें। समूह-2 (एन.पी.के. (12:32:16), यूरिया, म्यूरेट ऑफ पोटाश से पूर्ति के लिए)- एन.पी.के. (12:32:16)-125, यूरिया-141, एमओपी 16 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें। समूह-3 (एन.पी.के. (10:26:26), यूरिया से पूर्ति के लिए)- गेहूं सिंचित अवस्था देर से बुवाई में एन.पी.के. (10:26:26 ) -154, यूरिया - 140 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें। समूह-4 (एन.पी.के. ( 16:16:16 ), यूरिया से पूर्ति के लिए) एन.पी.के. (16:16:16 ) - 250, यूरिया-87 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें। समूह-5 (एन.पी.के. ( 20:20:0:13), यूरिया, म्यूरेट ऑफ पोटाश से पूर्ति के लिए) एन.पी.के. ( 20:20:0:13)-200, यूरिया-87, एम. ओ. पी. 50 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें।
कृषि वैज्ञानिक ने किसानों से अनुरोध किया है कि गेहूं की फसल में पीलापन जिन क्षेत्रों में गेहूं की फसल 25 से 30 दिन की हो गई है, वहां गेहूं में पीलापन व सूखने की शिकायत आ रही है। गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। इसके नियंत्रण के लिए में क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी मात्रा 1.5 लीटर प्रति हैक्टेयर 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।