नई दिल्ली । ग्रीन एनर्जी के लिए अडानी ग्रुप 100 अरब डॉलर खर्च करेगा। गौरतलब है ‎कि अडानी ग्रुप ग्रीन एनर्जी के लिए काफी निवेश कर रहा है। इसकी वजह यह है ‎कि अडानी ग्रुप अपने कारोबारों में भी ग्रीन एनर्जी का उपयोग करना चाहता है। ग्रुप की 5 कंपनियों का लक्ष्य साल 2050 तक कार्बन उत्सर्जन मुक्त होना है। इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए अडानी ग्रुप अगले 10 साल में ग्रीन एनर्जी पर 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा। अहमदाबाद बेस्ड इस ग्रुप का कारोबार पोर्ट्स, एनर्जी, सीमेंट और पावर आदि सेक्टर्स में फैला हुआ है। ग्रुप ने कहा है कि उसने साल 2030 तक 100 मिलियन (10 करोड़) पेड़ लगाने का भी संकल्प लिया है। अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सोल्यूशंस, अडानी पोर्ट्स, एसीसी और अंबुजा सीमेंट का साल 2050 तक कार्बन मुक्त बनने का लक्ष्य है। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा ‎कि अडानी के पोर्टफोलियो बिजनस एक्टिव रूप से रिन्यूएबल्स की सोर्सिंग कर रहे हैं। साथ ही ऑपरेशंस का विद्युतीकरण कर रहे हैं और बायोफ्यूल्स को अपना रहे हैं। इसके अलावा वे वेस्ट हीट रिकवरी और एनर्जी स्टोरेज टेक्नोलॉजीज को अपना रहे हैं। 
ग्रुप की कुछ योजनाओं में हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक ट्रक का डेवलपमेंट और गुजरात में ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम का विकास शामिल है।
ग्रुप ने अपने बयान में कहा है ‎कि ग्रीन हाइड्रोजन एडोप्शन अडानी ग्रुप के लिए आसान होगा। बड़े पैमाने पर रिन्यूएबल्स और एंड-टू-एंड ईपीसी कैपेबिलिटी के साथ पूरी तरह से इंटिग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग सभी एक सिंगल लोकेशन पर है। इससे लागत में कमी आएगी। लॉजिस्टिक्स और माइनिंग में ट्रांसपोर्टेशन के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक ट्रक डेवलप करने को लेकर कंपनी ने अशोक लेलैंड और बैलार्ड पावर के साथ समझौता किया है। इसकी लॉ‎चिंग इसी साल होने की उम्मीद है।