सभी मैदानी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाएं , किसानों के हित में काम करें
छिंदवाड़ा l कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में खरीफ सीजन 2024 की तैयारियों के संबंध में कृषि विभाग के सभी जिला स्तरीय एवं मैदानी अधिकारियों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई । इस दौरान संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल के श्री कमल जैन, उप संचालक कृषि एवं आई.टी. की टेक्निकल टीम द्वारा वर्चुअली एम.पी.किसान एप के माध्यम से किसान पंजीयन का विस्तृत प्रशिक्षण सभी स्टाफ को दिया गया तथा उनके प्रश्नों का समाधान भी किया गया । बैठक के बाद कृषि अभियान्त्रिकी द्वारा मिलेट्स की आइसक्रीम, सॉफ़्टी मशीन का नवाचार और ड्रोन का प्रदर्शन भी किया गया जिसे, कलेक्टर सहित उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा देखा गया। साथ ही कलेक्टर श्री सिंह ने मिलेट की आइस्क्रीम का स्वाद भी चखा और सराहना की।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के सभी मैदानी कृषि अधिकारियों से खरीफ की तैयारियों की समीक्षा की एवं आवश्यक मार्गदर्शन देते हुये कहा कि जिले में कृषि के क्षेत्र में नवाचार की अपार संभावनायें है, सभी मैदानी अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारी ईमानदारी से निभायें एवं किसान हित में कार्य करें। सभी फील्ड स्टाफ़ अपने क्षेत्र में कृषि आदानों की माँग के अनुसार पूर्ति सुनिश्चित करायें। साथ ही उनके क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में जो नाडेप टाँकें बने हैं उनमें तकनीकी मार्गदर्शन देकर पंचायतों से व्यवस्थित ढंग से भरवाकर उसकी जैविक खाद बनवायें तथा जैविक/प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें और पंचायतों को स्वच्छ बनायें। उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने सभी फील्ड स्टाफ को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार समय सीमा में मिट्टी के नमूने ऐप के माध्यम से प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी स्टाफ को किसानों को मिट्टी परीक्षण के महत्व को समझाते हुए मिट्टी स्वास्थ कार्ड की अनुशंसा के अनुसार सन्तुलित उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह किसानों को देने के लिये भी निर्देश दिये।
बैठक में उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ.विजय पराड़कर ने किसानों को उन्नत किस्मों का उपयोग करने के साथ ही संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन फ़ॉस्फ़ोरस पोटास (NPK) उर्वरकों के साथ ही जिंक सल्फेट का उपयोग करने की सलाह दी । डॉ.पराड़कर ने कहा कि किसान प्रति एकड़ में 4 से 5 बैग तक यूरिया डालते हैं जो की फसल एवं मिट्टी के स्वास्थ्य दोनों के लिये नुक़सानदेह है। इसलिये किसानों को संतुलित उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दें। बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र चंदनगांव के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.ध्रुव श्रीवास्तव व कृषि विज्ञान केंद्र देलाखारी के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.आर.सी.शर्मा ने भी प्राकृतिक खेती एवं मिल्लेट्स फ़सलों को बढ़ावा देने को कहा । बैठक में आई.ए.आर.आई.दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक डॉ.मुकरी ने ज़िले में मक्का के क्षेत्र में उन्नत किस्मों के उपयोग एवं देश में मक्का फसल की उच्च उत्पादकता प्राप्त करने के लिये जिले के किसानों, कृषि विभाग के अधिकारियों तथा कृषि वैज्ञानिकों की सराहना करते हुये जिले के कृषि वैज्ञानिकों को जिले की संभावनाओं के अनुसार बीज की उन्नत किस्मों और उन्नत तकनीकी पर जानकारी दी। उप संचालक कृषि श्री सिंह द्वारा खरीफ सीजन की सभी तैयारियों पर विभाग के मैदानी अमले से समीक्षा की गई।