भोपाल । राजधानी में गणतंत्र का उत्सव लोकरंग इस बार भव्य स्तर पर मनाए जाने की योजना संस्कृति विभाग द्वारा बनाई गई है। गत वर्ष कोरोना की बंदिशों की वजह से तैयारी होने के बावजूद इसे बड़े स्तर पर आयोजित नहीं किया जा सका था इस कारण गत वर्ष की योजना को इस साल मूर्त रूप दिया गया है। संस्कारों और कलाओं में विमुक्त घुमंतु और अद्र्धघुम्मकड़ थीम पर लोकरंग का आयोजन 26 से 30 जनवरी तक रवींद्र भवन परिसर में होने जा रहा है। इस बार इसमें विदेशी कलाकार भी शामिल होंगे। देशांतर के तहत इजिप्ट यूक्रेन और यूके के कलाकार नृत्य की प्रस्तुति देंगी। पांच दिन तक चलने वाले इस उत्सव में शिल्पों के प्रदर्शन खानपान नृत्य गायन वादन पर आधारित विभिन्न प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी। उत्सव की शुरुआत 26 जनवरी को अलंकरण समारोह के साथ होगी। इसके बाद लोकरंग का मुख्य आकर्षण नृत्य नाटिका चरैवेति की प्रस्तुति होगी।
मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय के अध्यक्ष अशोक मिश्रा ने बताया कि लोकरंग के पहले दिन 26 जनवरी को विमुक्त कालबेलिया समुदाय के जीवन एकाग्र पर आधारित चरैवेतिÓ समवेत नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी। इसका निर्देशन भोपाल के रामचंद्र द्वारा किया जाएगा। वहीं नाटिका में सूत्रधार के रूप में फिल्म अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी और पद्मश्री सम्मान प्राप्त राई लोकनर्तक रामसहाय पांडेय मौजूद रहेंगे। डेढ़ सौ कलाकार इसमें हिस्सा लेंगे। कालबेलिया समुदाय की संस्कृति परंपरा कला जीवन शौली पर केंद्रित और करीब डेढ़ घंटे की प्रस्तुति होगी। इसकी रिहर्सल जनजातीय संग्रहालय में बुधवार से आरंभ हो गई है।
बच्चों के लिए होगा उल्लास
उत्सव के अंतर्गत बच्चों के लिए उल्लास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान बच्चों को क्राफ्ट आर्ट और पेंटिंग जैसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसमें 15 साल तक के बच्चे हिस्सा ले सकते हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए नट आएंगे।
राष्ट्रीय पुस्तक मेला में आएंगी एक लाख किताबें
लोकरंग में पहली बार राष्ट्रीय पुस्तक मेला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मप्र के अलावा देशभर के प्रकाशन शामिल होंगे। पुस्तक मेले में एक लाख किताबें उपलब्ध होंगी।
इन राज्यों के लोकनृत्यों की होगी प्रस्तुति
उत्सव में राजस्थान का कालबेलिया नृत्य महाराष्ट्र का धनगनी गजा कर्नाटक का लंबाडी और मप्र का गुदुमबाजा लोक नृत्य शामिल है। इसके अलावा अन्य राज्य के कलाकार लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे।
शिल्प प्रदर्शनी में 60 प्रकार के दीये
उत्सव में शिल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है। शिल्प एग्जीबिशन अभ्यर्थना के अंतर्गत अलग-अलग प्रकार के दीपकों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें लगभग 60 प्रकार के दीपक पहली बार आएंगे। वहीं शिल्प मेले में 150 स्टाल लगाएं जाएंगे।
पहली बार होगा घुमंतू समुदाय पर संवाद
लोकरंग में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें विमुक्त घुमंतू अद्र्धघुम्मकड़ समुदाय की कला परंपरा पर अध्येता के साथ सवांद किया जाएगा। साथ ही पहली बार डेरा प्रदर्शनी आयोजित होगी। इस दौरान घुंमतू समुदाय के पारधी कालबेलिया बागरी कुचबंधिया बेडिय़ा की जीवन शैली को दिखाया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि इनके द्वारा घर कैसे तैयार किया जाता है।