नई दिल्ली । कोरोना काल के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार देखा जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के उप प्रबंध निदेशक एंटोनेट सायह ने कहा कि महामारी से उबरने के बाद भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था में एक ब्राइट स्पॉट के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को सेवा निर्यात में अपनी मौजूदा ताकत का लाभ उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों के लिए मुद्रास्फीति पर काबू पाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। अगर मूल्य दबाव इसी तरह उच्च स्तर पर बना रहता है तब विकास और निवेश दोनों के लिए जोखिम बढ़ सकता है।
बता दें कि नवंबर में भारत की मुद्रास्फीति पिछले महीने के 6.77 प्रतिशत से घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर आ गई। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति के स्तर को ठीक करने के लिए पिछले साल मई से रेपो दर में 225 अंकों की वृद्धि की है।
आईएमएफ के उप निदेशक सायह ने कहा कि भारत को सेवा निर्यात में अपनी मौजूदा ताकत का लाभ उठाने की जरूरत है। वैश्विक मूल्य शृंखला में भागीदारी और संरचनात्मक सुधार करके रोजगार और विनिर्माण निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था में अच्छे स्थान पर है जो अपने औसत से काफी ऊपर की दर से बढ़ रहा है।