तेल अवीव । विशेष संसदीय सत्र के दौरान नेतन्याहू ने बंधकों के परिवारजनों से मुलाकात की। इस दौरान नेतन्याहू ने उन परिवारों से ऐसा कुछ कह‎ दिया कि वे भड़क गए और पीएम को बीच में टोकते हुए नारेबाजी करने लगे। ‎मिली जानकारी के अनुसार लोगों ने नेतन्याहू को ऐसी बात कह दी जिससे वह और उनके संसदीय साथी भी हैरान रह गए लेकिन, किसी तरह नेतन्याहू ने लोगों को शांत करने की कोशिश की। एक मी‎‎डिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को गाजा में बंधकों के परिवार के सदस्यों से नाराजगी झेलनी पड़ी। सोमवार को एक विशेष संसदीय सत्र के दौरान नेतन्याहू लोगों से मिल रहे थे। अपने भाषण में नेतन्याहू ने लोगों से कहा कि वे जीत मिलने तक गाजा में रुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने लोगों से उनके प्रियजनों को जल्द लाने का आश्वासन दिया। नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें इसके ‎लिए और समय चाहिए। एक तरफ नेतन्याहू अपना भाषण दे रहे थे तो दूसरी ओर अपने प्रियजनों की तस्वीरों और नामों के साथ पोस्टर लिए लोग उन्हें सुन रहे थे। नेतन्याहू के समय मांगने पर परिवारों ने असहमति व्यक्त की। 
इस दौरान भीड़ में से एक ने कहा कि हमारे पास समय नहीं है। एक आवाज के साथ ही भीड़ ने भी चिल्लाना शुरू कर दिया। वे एक साथ चिल्लाने लगे- हमे हमारे अपने अभी चाहिए। इस तरह संसद के भीतर जोरदार नारेबाजी चलने लगी। इस घटना से नेतन्याहू कुछ देर के लिए चुप हो गए। वहीं सुरक्षाकर्मियों ने शोर मचा रहे लोगों को शांत कराने की कोशिश की। फिर नेतन्याहू ने बोलना शुरू किया। नेतन्याहू ने अपना दृढ़ संकल्प दोहराते हुए कहा ‎कि हमारे बच्चे व्यर्थ नहीं मरे हैं। हमें तब तक युद्ध नहीं रोकना है जब तक हम उन लोगों पर पूरी जीत हासिल नहीं कर लेते जो हमें मारना चाहते हैं।
जब नेतन्याहू लोगों को संबोधित कर रहे थे तो कुछ परिवार उखड़े हुए नजर आए। भीड़ में से एक ने पीएम से कहा- मेरी बेटी 80 दिनों से उनके कब्जे में है। मेरे लिए हर एक मिनट नरक जैसा लग रहा है। अगर आपका बेटा उनके पास होता तो! जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा ‎कि हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जवाब देते हुए नेतन्याहू ने कहा कि हमारी सेना दिन-रात बंधकों को ढूंढ रही है लेकिन, यह इतना आसान नहीं है। इसलिए मैंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बंधकों को छुड़ाने में मदद मांगी है।