इलेक्ट्रिक टू-व्हीकल कंपनी ओला इलेक्ट्रिक कंपनी आईपीओ के जरिए फंड जुटाने की तैयारी है। कंपनी ने शुक्रवार को मार्केट रेगुलेटर सेबी में आईपीओ के ड्राफ्ट पेपर जमा किए हैं। देश में 20 साल बाद कोई व्हीकल मेकर कंपनी आईपीओ के जरिए फंड जुटा रही है।

ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ डिटेल्स
ओला इलेक्ट्रिक की ओर से जमा ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के अनुसार, कंपनी 5,500 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और प्रमोटरों और निवेशकों द्वारा 9.52 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) कर रही है।

ओला इलेक्ट्रिक के इक्विटी शेयरों की लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर होगी। इसके साथ ही कंपनी बुक-रनिंग लीड मैनेजर Kotak Mahindra कैपिटल कंपनी, Citigroup Global Markets India, BofA Securities India, Goldman Sachs (India) सिक्योरिटीज, Axis Capital, ICICI सिक्योरिटीज, SBI Capital Markets, और BOB Capital Markets हैं।

गीगाफेक्ट्री पर फोकस
आईपीओ के जरिए जुटाए जाने वाले फंड के इस्तेमाल कंपनी ओला गीगाफैक्ट्री परियोजना के ओसीटी, कैपिटल एक्सपेंडेचर, सहायक कंपनी को लोन रिपेमेंट, रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलपमेंट के निवेश और कॉर्पोरेट खर्चों में करेगी।

ओला इलेक्ट्रिक बेंगलुरु स्थित अपनी ओला फ्यूचरफैक्ट्री में बैटरी पैक और मोटर्स जैसे ईवी और कोर ईवी कंपोनेंट का प्रोडक्शन करती है। कंपनी की प्लानिंग तमिलनाडु में ईवी हब बनाने की है, जिसमें ओला फ्यूचरफैक्ट्री, अपकमिंग ओला गीगाफैक्ट्री और दूसरे कंपोनेंट बनाने की है।

ओला इलेक्ट्रिक के बारे में

  • ओला ने 2021 में अपना पहला EV स्कूटर Ola S1 Pro को लॉन्च किया था। कंपनी के पोर्टफोलियो में फिलहाल 5 स्कूटर हैं।
  • इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने के 9 महीने के भीतर ही कंपनी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल पर लिस्टेड E2W रजिस्ट्रेशन के आधार पर देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला E2W प्लेयर बन गया है।
  • जून 2023 की तिमाही तक E2W मार्केट में कंपनी की हिस्सेदारी 31 प्रतिशत है। कंपनी का फोकस इंडियन मार्केट के साथ-साथ ग्लोबल मार्केट पर भी है।
  • ड्राफ्ट के अनुसार, कंपनी 31 अक्टूबर, 2023 तक अपने डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) ओमनीचैनल वितरण नेटवर्क का संचालन करती है। देश में उसके 935 एक्सपीरियंस सेंटर और 414 सर्विस सेंटर उपलब्ध हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2023 की बात करें तो कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 2,630.93 करोड़ रुपये का है, जिसमें पिछले एक साल में करीब 7 गुना बढ़ोत्तरी हुई है।