नई दिल्ली । राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में भेजे जा रहे निमंत्रण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने मोदी सरकार से कई सवाल किए हैं, जिसका बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सैम पित्रोदा ने सवाल उठाकर कहा है, क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी और महंगाई?
सैम पित्रोदा ने बताया, मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है लेकिन आप मंदिर को मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं और 60 फीसदी लोग भाजपा को वोट नहीं देते हैं। वे सभी के प्रधानमंत्री हैं, किसी पार्टी के प्रधानमंत्री नहीं और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं। क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है? इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने जोर देकर कहा, अपने धर्म का पालन करें लेकिन धर्म को राजनीति से अलग रखें।
इस पर प्रतिक्रिया देकर मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, सैम पित्रोदा भारतीयों की भावनाओं को कितना समझते हैं?... वह भारत से बाहर रहते हैं और भारतीयों के विपरीत सोचते हैं। यदि आप भारत में राजनीति करना चाहते हैं तब भारत और भारतीयों की तरह सोचें। 
इस बीच, राम मंदिर पर दिए गए बयान को लेकर पित्रोदा पर तीखा हमला बोलकर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इन लोगों के लिए भगवान राम केवल एक काल्पनिक चरित्र हैं। उन्होंने बताया कि ये वे लोग हैं जिनके लिए भगवान राम केवल एक काल्पनिक चरित्र थे। मैं केवल इतना कह सकती हूं कि सैम पित्रोदा जैसे लोग इस देश और इस देश के लोकाचार और मूल्यों से कटे हुए हैं। अगर वे जुड़े होते, तब उन्हें पता होता कि रामायण क्या है उन्होंने हमें क्या सिखाया, वे राम राज्य की अवधारणा को समझते।