हरिद्धार   काल उसका क्या करे, जो भक्त हो महाकाल का… ये कहावत उस समय चरितार्थ हो गई, जब पंडित प्रदीप मिश्राजी की कार पलट गई और वे बाल-बाल बच गए। पंडित प्रदीप मिश्रा जी की इस समय हरिद्धार में कथा चल रही है। इसके कारण वे हरिद्धार में ही है। शुक्रवार को सुबह वे हरिद्धार से लगभग 52 किलोमीटर दूर नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन के लिए निकले थे। इस दौरान उनके साथ तीन अन्य गाड़ियां भी थीं। जब पंडित प्रदीप मिश्रा एवं उनके भक्त दर्शन करके लौट रहे थे, तभी नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर से करीब पांच किलोमीटर दूर उनकी गाड़ी एक पहाड़ से टकरा गई और देखते ही देखते टकराकर गाड़ी पूरी तरह से पलट गई। जहां गाड़ी पलटी वहां एक तरफ पहाड़ था तो वहीं दूसरी तरफ गंगाजी बह रही है। गाड़ी यदि एक पलटी और खाती तो गंगाजी में गिर जाती, लेकिन जो खुद भगवान महाकाल का सच्चा भक्त हो उसका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सका। घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा। हालांकि उनके साथ चल रहे भक्त एवं अन्य लोगों ने मिलकर गाड़ी के अंदर फंसे पंडित प्रदीप मिश्रा सहित ड्राईवर व अन्य लोगों को सकुशल बाहर निकाला। इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने हरिद्धार आकर उपस्थित भक्तों को कथा श्रवण कराई एवं कथा के दौरान उन्होंने खुद भी इस घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे जब भी गाड़ी में सफर करते हैं तो श्रीशिवाय नमस्तुभयं मंत्र का जाप करते रहते हैं। वे मंदिर में भी इस मंत्र का जाप लगातार करते हैं और अपने भक्तों को भी वे यही कहते हैं कि वे भी इस मंत्र का जाप लगातार करते रहे। इस घटना की पुष्टि खुद पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान की।