करांची । पाकिस्तान के ब्लूच प्रांत में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं। ‎जिससे प्रांत भर में बंद कारोबार, विरोध रैलियों और धरने के कारण शनिवार को लगातार दूसरे दिन बलूचिस्तान सिंध और पंजाब से कटा रहा। यहां पर राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे यातायात पूरी तरह से रुक गया। तुरबत, पंजगुर, नाल, उथल, हब, गदानी, डेरा बुगती, डी.जी. में प्रदर्शन हुए। तुरबत और मकरान में दुकानें बंद रहीं। यातायात प्रवाह बाधित हुआ और पहिया जाम की हड़ताल हुई। प्रदर्शनकारियों ने मंगोचर, कलात और खुजदार में क्वेटा-कराची राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे यात्रियों को यात्रा में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वहीं हब के भवानी इलाके में महिला कार्यकर्ताओं ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे खुजदार और हब के बीच 36 घंटे तक यातायात ठप रहा।

290 बलूच कार्यकर्ताओं को रिहा 
इधर पाकिस्तानी पुलिस ने सोमवार को ‎गिरफ्तार ‎किए गए 290 बलूच कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया है, जिन्हें पिछले हफ्ते राजधानी इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उनकी रिहाई, अधिकारियों को हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करने की समय सीमा देने के कुछ दिनों बाद हुई है। बताया जा रहा है ‎कि कार्यकर्ता उग्रवाद से प्रभावित दक्षिण पश्चिम प्रांत में जबरन गायब किए जाने और न्यायेतर हत्याओं का विरोध करने के लिए बृहस्पतिवार को बलूचिस्तान प्रांत के एक शहर तुरबत से 1,600 किलोमीटर की यात्रा कर यहां पहुंचे थे। 

प्रदर्शनकारियों पर हुई हिंसक कार्रवाई
अपने प्रियजनों की बरामदगी के लिए सैकड़ों बलूच प्रदर्शनकारियों के साथ इस्लामाबाद पहुंचकर मार्च ‎निकला। लेकिन न्याय के बजाय उन्हें अन्य लोगों के साथ राज्य के क्रोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों पर पु‎लिस द्वारा हिंसक कार्रवाई की गई। प्रदर्शन में शा‎मिल दुरनाज बीवी ने मी‎डिया को बताया, उसकी मां इस मार्च में सबसे आगे है और मैं फिलहाल बच्चे की देखभाल कर रही हूं। इस्लामाबाद पहुंचने के बाद प्रदर्शनकारियों को पुलिस के हाथों हिंसक कार्रवाई का सामना करना पड़ा, जिसने 200 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें रिहा किया। 

हर एक के पास है दर्दनाक कहानी
पु‎लिस की कार्रवाई के दौरान हर प्रदर्शनकारी अपनी मांग बता रहा था। बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के नेतृत्व में लंबा मार्च अब धरने में बदल गया है। विरोध के आयोजकों में से एक डॉ महरंग बलूच ने कहा ‎कि यहां हर प्रदर्शनकारी के पास बताने के लिए एक दर्दनाक कहानी है। उन्होंने बहुत बुरा समय देखा है। हालां‎कि उनकी इस संख्या में ताकत है लेकिन आज हमारे अधिकांश साथी, जो हमें लेने के लिए यहां आए थे, उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

दस साल से अपनों से दूर हैं
अफसोस जताते हुए प्रदर्शनकारी ने आगे कहा ‎कि विरोध प्रदर्शन में शामिल हर व्यक्ति के पास एक दुख की कहानी है और कुछ लोग एक दशक से भी अधिक समय से अपने प्रियजनों को देखने के लिए उत्सुक हैं। शिशु अपने पिता के बिना बड़े हुए हैं और फिर भी हम यहां राज्य की गहरी चुप्पी पर सवाल उठाने के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं। उनका शिविर पुलिस की एक टुकड़ी से घिरा हुआ था, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने इस्लामाबाद पुलिस के हाथों हुए बर्ताव की शिकायत की है।