अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होने वाले वैश्विक मेले में हिस्सा लेने वाला भारत खुद ही वैश्विक मेले का बड़ा आयोजक बन गया है। इस प्रकार के आयोजन से निर्यात प्रोत्साहन के साथ मैन्युफैक्चरिंग हब बनने में भी मदद मिलेगी। दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम व द्वारका में यशोभूमि के निर्माण से यह संभव होता दिख रहा है।

आत्मनिर्भर भारत उत्सव का आयोजन

वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि निर्यात से लेकर मैन्युफैक्चरिंग के प्रोत्साहन के लिए आगामी जनवरी से लेकर मार्च तक विभिन्न सेक्टर के वैश्विक मेले का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी 3-10 जनवरी तक भारत मंडपम में आत्मनिर्भर भारत उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में सैकड़ों की संख्या में देश भर के एमएसएमई, कुटीर उद्योग, जनजातीय हैंडीक्राफ्ट्स, खादी, बुनकर हिस्सा लेंगे जहां देश-विदेश के बड़े खरीदारों से लेकर आम ग्राहक इन उत्पादों तक पहुंच पाएंगे।

8-10 जनवरी तक चलेगा  इंडस फूड मेला 

गोयल ने बताया कि इस दौरान 8-10 जनवरी को ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में कृषि व प्रोसेस्ड खाद्य आइटम के निर्यात को बढ़ाने के लिए इंडस फूड मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में 120 देशों के प्रदर्शनकारी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएंगे। यहां 2500 से अधिक विदेशी खरीदार आएंगे। इस मेले से भारतीय किसानों को काफी फायदा मिलने की संभावना है।

1-3 फरवरी तक होगा मोबिलिटी शो 

आगामी 1-3 फरवरी तक भारत मंडपम में मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। 10 लाख वर्गमीटर में इस एक्सपो का आयोजन हो रहा है जहां ऑटोमोबाइल्स सेक्टर के वैश्विक स्टेकहोल्डर्स अपने-अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएंगे। इस सेक्टर के इनोवेशन का प्रदर्शन भी इस मेले में किया जाएगा। फरवरी में ही भारत टेक्स के नाम से वैश्विक स्तर का टेक्सटाइल मेले का आयोजन यशोभूमि में किया जा रहा है।

26 से 29 फरवरी तक आयोजित भारत टेक्स में कपास उत्पादक से लेकर फैशन इंडस्ट्री तक के 3500 स्टेकहोल्डर्स अपनी प्रदर्शनी लगाएंगे। भारत टेक्स में 3000 से अधिक वैश्विक खरीदार के आने की उम्मीद की जा रही है। गोयल ने बताया कि 7-11 मार्च तक आहार नामक वैश्विक प्रदर्शनी का आयोजन भारत मंडपम में होगा जहां खाद्य व आवभगत सेक्टर के 1500 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे।

गोयल ने बताया कि इस प्रकार की प्रदर्शनी से वैश्विक बाजार से भारत सीधे तौर पर जुड़ पाएगा और हमारे किसान से लेकर निर्माताओं को अपने-अपने उत्पादों की नुमाइश करने का भरपूर मौका मिलेगा। इतने व्यापक स्तर पर मेले के आयोजन से होटल, टूरिज्म, खान-पान जैसे सर्विस सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा।