पेरिस । वहां कहता था कि गुरु के साथ संबंध बनाना पवित्र काम है, जिसमें भगवान ने अपनी मंजूरी दी है, एग्नेस अराबेला मार्कस महज 15 साल की थीं जब वहां पहली बार विवादास्पद तांत्रिक योग गुरु ग्रेगोरियन बिवोलारू से मिलीं। शुरू में तांत्रिक उन्हें अच्छा और शांत लगा लेकिन बाद में उसका असली चेहरा सामने आया। 71 साल के बिवोलारू पर महिलाओं को गुलाम बनाकर रखने और अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगा है। अब तात्रिंक पुलिस की गिरफ्त में है। 
बलात्कार, शोषण, अपहरण और मानव तस्करी का आरोपी बिवोलारू पिछले 6 सालों से फरार चल रहा था लेकिन पिछले हफ्ते ही पुलिस ने आरोपी को पेरिस में गिरफ्तार कर लिया है। मार्कस कहती हैं, पहले वहां अच्छा इंसान लगा था। लोग उसकी खूब इज्जत करते थे...वहां बेहद ही शांत आवाज में लोगों से बात करता था। मार्कस पहली बार साल 1999 में अपनी बहन के साथ बिवोलारू के मूवमेंट फॉर स्पिरिचुअल इंटीग्रेशन इनटू द एब्सोल्यूट योग स्कूल में शामिल होने के लिए रोमानिया के एक छोटे से शहर से राजधानी बुखारेस्ट आई थीं। 
बुखारेस्ट का यह स्कूल उन सैकड़ों स्कूलों के नेटवर्क का सबसे पहला स्कूल था जो बाद में 30 से अधिक देशों में फैल गया। स्कूल में प्राचीन हिंदू दर्शन पर आधारित तांत्रिक योग सिखाया जाता जिसमें सेक्स और बाकी अनुष्ठानों के जरिए मुक्ति का मार्ग बताया जाता था। स्कूल में जिस तरह की शिक्षा दी जा रही थी उसे लेकर मार्कस की शंकाएं जल्दी ही दूर हो गई थीं क्योंकि उन्होंने देखा कि छात्राओं में डॉक्टर, वकील जैसे बड़े और महत्वपूर्ण लोग शामिल थे। मार्कस कहती हैं,  वहां सब देखकर मैंने खुद से कहा कि सबकुछ ठीक है यहां। किसी चीज से डरने की जरूरत नहीं है। 
मार्कस का यह भरम जल्द ही टूट गया क्योंकि चीजें भयावह मोड़ लेने लगीं। बिवोलारू ने मार्कस को एक दिन अपने घर पर बुलाया जहां उन्हें एक दर्जन महिलाओं के साथ समलैंगिक संबंध बनाने और फिर खुद बिवोलारू के साथ यौन संबंध बनाने का दबाव डाला गया। उस वक्त बिवोलारू की उम्र 50 साल की थी। बिवोलारू ने महिलाओं से कहा कि वहां उन्हें तांत्रिक योग सिखाता है जिसकी दक्षिणा के रूप में महिलाओं को उसके साथ संबंध बनाना पड़ेगा। 
मार्कस बताती हैं, हमें बताया गया था कि गुरु के साथ संबंध बनाना पवित्र काम है जिसे भगवान ने अपनी मंजूरी दी है। 15 साल की मार्कस को यहां अपनी वर्जिनिटी खोनी पड़ी। तांत्रिक ने मार्कस को चेताया कि उन्होंने ये बात अगर किसी को बताई तब अच्छा नहीं होगा। इसके एक साल बाद, मार्कस को एक न्यूड सौंदर्य प्रतियोगिता का हिस्सा बनना पड़ा। सौंदर्य प्रतियोगिता में 300 महिलाएं शामिल थीं और सभी बिना कपड़ों के थीं। इन सभी महिलाओं को हजारों दर्शकों के सामने हस्तमैथुन के लिए मजबूर किया गया था। 
पुलिस ने बताया कि बंधक महिलाओं को आजाद करा दिया गया है और तांत्रिक को जहां गिरफ्तार किया गया, वहां से उन्होंने सेक्स टॉयज, पोर्नोग्राफिक सामान और बिवोलारूल की तस्वीरें बरामद की हैं। दक्षिण-पूर्व पेरिस के कस्बे में स्थित बिवोलारू के एक घर से पुलिस को लगभग 215,000 डॉलर कैश, पोर्नोग्राफिक सामान और नकली पहचान पत्र मिले हैं। 
2018 में रोमानिया में आश्रम में शामिल होने वाली 31 साल का ऑस्ट्रेलियाई महिला एशले फ्रेकेल्टन ने भी एक अनुष्ठान में हिस्सा लिया था। वहां बताती हैं कि पेरिस पहुंचते ही, उन्हें अन्य विदेशी महिलाओं के साथ पेरिस के एक कस्बे में ले जाया गया। यहां ले जाते वक्त सभी के आंखों पर पर्दे थे। महिलाओं को भीड़भाड़ वाले घरों में रखा गया और उन्हें पोर्न दिखाया गया। उन्हें सम्मोहित किया गया फिर सेक्स कृत्यों में हिस्सा लेने को कहा गया। महिलाओं को बिवोलारू का मूत्र भी पिलाया गया। एशले के पासपोर्ट और फोन को जब्त कर लिया गया था। 
तांत्रिक बिवोलारू पर रोमानिया, फ्रांस और फिनलैंड में मामले चल रहे थे जहां के अधिकारी लगभग दो दशकों से उसे कोर्ट में पेश करने की कोशिश कर रहे थे। 
साल 2004 में बिवोलारू पर आरोप लगा कि उसने रोमानिया में नाबालिगों के साथ यौन संबंध बनाए हैं। जब इसकी जांच शुरू हुई तब तांत्रिक ने रोमानिया से भागकर स्वीडन में शरण ली। 2013 में रोमानिया की अदालत ने उसकी अनुपस्थिति में ही उस छह साल की सजा सुनाई लेकिन वह 2016 तक गिरफ्तारी से बचा रहा। इसके बाद आरोपी तांत्रिक फ्रांस में गिरफ्तार कर रोमानिया को सौंप दिया गया। एक साल के भीतर ही वो रिहा हो गया। 
रिहाई के बाद फिर फिनलैंड की कई महिलाओं ने तांत्रिक पर जबरदस्ती यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया जिसके बाद इंटरपोल ने तांत्रिक के खिलाफ सर्च वारंट जारी किया। वारंट जारी करने के छह सालों बाद तांत्रिक को फ्रांस की पुलिस ने पकड़ा है।