इंदौर ।   विश्वास के नाम पर धोखा और प्यार के बदले श्रद्धा के 35 टुकड़े... प्यार करने से मौत मिलने तक के सफर में श्रद्धा या उसकी ही तरह हर वह युवती जो इस यातना से गुजरी, उसके मन में क्या-क्या भाव उमड़े, उसका जीवन कैसा रहा और उस कृत्य को इंदौर के चित्रकार हेमंत बंधु ने रेखाओं और रंगों के जरिए आकर्षक और संदेशपरक ढंग से कैनवास पर उतारा। इसमें चटख रंग से वेदना और ज्यामितीय आकृतियों में से त्रिकोण, षटकोण आदि के जरिए शरीर पर किए गए घावों को दर्शाया है। नारी के शरीर, उनके मन के भाव और कर्तव्यों को कलाकृतियों के माध्यम से हेमंत ने कैनवास पर उतारा। उन चित्रों की प्रदर्शनी प्रीतमलाल दुआ कला वीथिका में लगाई गई। इस प्रदर्शनी में कलाकार ने 25 चित्रों के माध्यम से समाज के उस हिस्से की संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया जिसके बिना संसार का अस्तित्व नहीं। नारी को आधार बनाकर हेमंत ने कैनवास पर एक्रेलिक रंग से कलाकृतियां बनाई है। ‘द बाडी स्पीक्स टू’ शीर्षक लिए लगी इस कला प्रदर्शनी में शामिल हर कृति कुछ कहती प्रतीत होती है। कलाकार ने हर कृति में एक नया विषय लिया है। इसमें एक-दूसरे के साथ महिलाओं का समन्वय, बुरे माहौल से निकलकर उजली दुनिया तलाशने की कोशिश, फैशन की रंगत, बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी, खाली वक्त में खुद को आराम देना, दहलीज के बाहर कदम रखना, घर-गृहस्थी के कार्य पूरे कर रात में महिलाओं का आपस में चर्चा करना, जिद्दी बच्चे को समझाना आदि विषयों को कलाकार ने चित्रित किया है।

हर दर्शक को सोचने पर मजबूर करती कृतियां

इन कृतियों में अमूर्तन और मूर्त दोनों ही विधाओं का समावेश नजर आता है। मानवाकृतियां मूर्त कृति की अवधारणा को प्रगाढ़ता से दर्शाती है तो रंग लगाने का अंदाज और रेखांकन का तरीका उन्हें अमूर्तन शैली की ओर भी ले जाता है। यहां चार कलाकृतियां पूरी तरह से अमूर्तन शैली की भी हैं लेकिन उसमें भी कहीं न कहीं कोई आकृति प्रतीत होती है। यह अलग बात है कि यह आकृतियां हर दर्शक को अपनी सोच के अनुरूप नजर आती हैं।