नई दिल्ली । दौड़ने वाले जूतों और जॉगर्स से लेकर डंबल और योगा मैट तक, लगभग आधा दर्जन प्रमुख खेल ब्रांडों की बिक्री पिछले दो वर्षों में महामारी के दौरान और उसके बाद से बढ़ी है। हेल्थ के बारे में बढ़ती जागरूकता और एथलेटिक्स वियर की बढ़ती मांग के कारण क्षेत्र की कंपनियों ने भारत में अपना कारोबार दोगुना कर लिया है। 
रिपोर्ट के अनुसार प्यूमा, डेकाथलॉन, एडिडास, स्केचर्स और एसिक्स जैसे ब्रांडों ने वित्त वर्ष 2011 के बाद से साल-दर-साल 35-60 प्रतिशत की वृद्धि की है और वित्त वर्ष 2023 में 11,617 करोड़ रुपए का संयुक्त राजस्व किया है। दो साल पहले इन ब्रांडों की बिक्री कुल मिलाकर 5,022 रुपए करोड़ थी। क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के लिए फिटनेस परिधान और खेल उपकरण की मांग बढ़ी है क्योंकि लोगों ने कोरोना की शुरुआत के बाद स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है। 
कंपनी प्रमुख ने कहा, स्वास्थ्य और फिटनेस पर बढ़ते फोकस के परिणामस्वरूप सभी उम्र के लोग तकनीकी और परफार्मेंस जूतों की तलाश में हैं। दौड़ना हमारे लिए सबसे तेजी से बढ़ती श्रेणियों में से एक है, साथ ही 45 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों द्वारा चलने वाले जूतों की खोज में उल्लेखनीय उछाल आया है। कुल मिलाकर खेल और एथलेटिक्स श्रेणी देश में औसत परिधान और जूतों के बाजार की तुलना में तेजी से बढ़ रही है। 
अपनी खुद की फर्म एजिलिटास स्पोर्ट्स शुरू करने वाले ने कहा, कैजुअलाइजेशन और स्नीकराइजेशन का एक स्पष्ट चलन है और यह केवल खेल या अवकाश गतिविधियों के दौरान ही प्रतिबंधित नहीं है। भारत अब केवल क्रिकेट खेलने वाला देश नहीं रह गया है, क्योंकि हम देखते हैं कि उपभोक्ता तेजी से दौड़, फुटबॉल और जिम जैसी अन्य गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। 
1.4 अरब की आबादी के साथ भारत फुटवियर कंपनियों के लिए सबसे तेजी से बढ़ते और सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय बाजारों में से एक है। अधिकांश वैश्विक ब्रांड भारत में दो दशकों से अधिक समय से मौजूद हैं और क्रिकेट तथा अन्य खेल गतिविधियों में भागीदारी के माध्यम से अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के कारण आगे बढ़े हैं।