नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव करीब होने के बावजूद भी उदय‎निधि अपने ‎विवा‎दित बयानों से पीछे नहीं हट रहे हैं। पहले सनातन और अब एंटी-‎बिहार बयान ने कांग्रेस को सांसत में डाल ‎दिया है। विपक्षी दलों के अलायंस इं‎डिया ब्लॉक को लेकर पेंचीदगी कम नहीं हो रही हैं। गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीट शेयरिंग, पीएम फेस और संयोजक घोषित करने की है। दूसरी तरफ अंदरखाने की कलह भी शांत नहीं हो रही है। इस बीच, सहयोगी पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी गठबंधन की इमेज को लगातार डैमेज कर रही है। पहले डीएमके नेता उदयनिधि के सनातन को लेकर विवादित बयान चर्चा में रहे। अब तेलंगाना के सीएम और कांग्रेस नेता की एंटी-बिहार की टिप्पणी ने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है। जानकार इसे हिंदी बेल्ट में इंडिया ब्लॉक के नुकसान से जोड़कर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इनमें कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पार्टी को राजस्थान और छत्तीसगढ़ से सत्ता गंवानी पड़ी है। मध्य प्रदेश में भी उसे हार मिली है। सिर्फ तेलंगाना में कांग्रेस ने पहली बार सरकार बनाई है। इसके कई फैक्टर गिनाए जा रहे हैं। सत्तारूढ़ राज्यों में एंटी इन्कंबेंसी के साथ-साथ कांग्रेस के सहयोगी दल डीएमके नेता के बयानों को भी एक वजह माना जा रहा है। दरअसल, पांच राज्यों में चुनाव से पहले तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन विरोधी बयान चर्चा में रहे हैं। इसके बाद हाल ही में ‎हिंदी को लेकर एंटी ‎बिहार वाले बयान से भी नुकसान हो सकता है।