अंतराष्ट्रीय वन मेले में 300 से अधिक आगंतुको ने निशुल्क चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया
भोपाल l अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के चौथे दिन भी लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और बढ़ते दिनों के साथ साथ लोगों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। भोपाल और उसके आस पास के हिस्सों से बड़ी तादाद में लगभग 35000 लोगों ने मेले का आंनद लिया। आज मेले में लगभग 30.50 लाख रूपए के वनोपज हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है। मेले में स्थापित ओ.पी.डी. में बड़ी संख्या में लगभग 300 से अधिक आगंतुको ने निशुल्क चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया। ओ. पी. डी. में लगभग 90 आयुर्वेदिक चिकित्सकों तथा अनुभवी वैद्यों द्वारा निःशुल्क परामर्श लिया गया।
मेले में लगे बांस उत्पादों के स्टॉल्स, जिसमे बांस से बने फर्नीचर, घर सजावट के सामान एवं अन्य प्रकार की वस्तुओं को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। लोगों के इस रुझान से बांस के उत्पाद में सम्मिलित वन समितियों को अच्छा खासा प्रोत्साहन मिल रहा है।
दो दिवसीय कार्यशाला (कांफ्रेंस), का तृतीय सत्र से निरन्तर विभिन्न सत्रों में नेपाल, श्रीलंका, यू.एस.ए. के शासकीय संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों/ अधिकारयों के साथ-साथ केरल, झारखंड, राजस्थान एवं आसाम से पधारे विषय विशेषज्ञों द्वारा लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण आधारित अनुभवों का साझा किया गया। शाम 5:00 बजे समस्त सत्रों का समापन कर भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के प्रोफेसर श्री अद्वैत के द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का सारांश प्रस्तुत किया गया। बैतूल के वनमंडलाधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन किया गया।
मेला प्रांगण में आज सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक रंगारंग कार्यक्रम चलते रहे। मेले में आयोजित एकल और सामूहिक गायन में कक्षा 01 से 12 तक के लगभग 11 विद्यालयों से 90 से भी अधिक छात्र छात्राओं ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया एवं उनकी विलक्षण प्रतिभा को सराहा गया। शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे तक असलम इब्राहिम शेख ग्रुप द्वारा आर्केस्ट्रा की भव्य प्रस्तुति दी गई। सायं 7:30 बजे 10 बजे तक एल. एन. आयुर्वेद कॉलेज एवं हॉस्पिटल द्वारा प्रायोजित सूफी गायन प्रस्तुति ने शमा बाँध दिया।