अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के 5वें दिन लगभग 32 हजार लोगों ने मेले का आनंद लिया। लोगों के इतनी बड़ी तादाद से मेले प्रांगण स्थित स्टॉल्स के संचालकों में उत्साह है। वन मेले मेंलगभग 35 लाख के हर्बल, वनोपज उत्पादों की ब्रिकी हुई।फूड स्टॉल्स के व्यंजनों का लोगों ने लुत्फ उठाया। जहाँ एक ओर कॉलेज के छात्र-छात्राओं के द्वारा बनाए जा रहे व्यंजन अपनी ओर लोगों को आकर्षित करते रहे। यहीं दूसरी ओर अलीराजपुर के दाल-पानिये के स्वाद के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।

मेले की ओ.पी.डी. में लगभग 300 से अधिक आगंतुको ने निशुल्क चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया। ओ.पी.डी. में 90 आयुर्वेदिक चिकित्सकों तथा अनुभवी वैद्य द्वारा निशुल्क परामर्श मेले में दिया गया, जो अंतिम दिन तक जारी रहेगा।

वन मेले, का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है कि लघु वनोपज के संग्रहण में सम्मिलित प्राथमिक संग्राहकों को एक मंच प्रदान करना। लघु वनोपज संग्राहक, उत्पादक एवं वनोपज समितियों की जड़ी बूटिया, हर्बल उत्पाद तथा आयुर्वेदिक के व्यवसाय से जुड़े विभिन्न निर्माता, विभिन्न मंडियों के लघु वनोपज के व्यापारी, उत्पादक, प्र-संस्करण कर्ताओं के प्रतिनिधि के साथ सीधा वार्तालाप हो और बाजार के अवसरों को खोजा जा सके। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक दिवसीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक, लघु वनोपज संघ श्री विभाष कुमार ठाकुर के मुख्य आथित्य में संपन्न हुआ।

श्री ठाकुर ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण एवं आर्थिक विकास के लिये लघु वनापेज के क्रय विकय में उनकी भागीदारी बड़ी है। आयुर्वेदिक कॉलेज एवं हॉस्पीटल के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया। इससे लघु वनोपज प्र-संस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र में तैयार किए जा रहे आयुर्वेदिक दवाइयों के क्रय-विक्रय के लिये अनुबंध किए जा सके। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद उत्पादों की सफलता लघु वन उपज की गुणवत्ता पर निर्भर करती हैं। श्री ठाकुर ने कहा कि वन उपज समिति को गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सम्मेलन में लगभग 4.80 करोड़ रुपए का MFPPARC एवं विभिन्न संस्थाओं के मध्य व्यापारिक अनुबंध करने पर सहमति हुई। कुछ स्टॉलों पर टोने-टोटके हेतु अंगूठियां बेचने की शिकायत प्राप्त हो रही थी जिन्हें छापा मारकर जप्ती की कार्रवाई की गई।मेला प्रांगण में आज सुबह 11:00 बजे से दोपहर 4:00 बजे तक नृत्य (सोलो और ग्रुप) की रंगारंग प्रस्तुति चलती रही। इस प्रस्तुति में बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों के मन को मोहित कर लिया। मेले में आयोजित एकल और सामूहिक नृत्य प्रस्तुति में लगभग 19 विद्यालयों से 150 से भी अधिक छात्र छात्राओं ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। दोपहर 5:00 बजे से 7:00 बजे तक "माला उइके म्यूजिकल ग्रुप" द्वारा आर्केस्ट्रा प्रस्तुति दी गई। सायं 7:30 बजे से 10:00 बजे तक मानसरोवर आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्र छात्राओं के द्वारा (Fiddle Craft) की आकर्षक प्रस्तुति दी गई।