चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा की सहयोगी एंट ग्रुप ने शनिवार को कहा कि उसके संस्थापक जैक मा अब चीन की फिनटेक दिग्गज कंपनी पर नियंत्रण नहीं रखेंगे। माना जा रहा है कि दो साल पहले शेयर बाजार में कदम रखने के तुरंत बाद शुरू की गई नियामकीय कार्रवाई के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। बता दें कि एंट का 37 अरब डॉलर का आईपीओ 2020 में अंतिम समय में रद्द कर दिया गया था। उसके बाद दिग्गज कंपनी का जबरन पुनर्गठन कर दिया।

उसी समय से अटकलें लग रही थीं कि चीनी के अरबपति जैक मा अब अपना नियंत्रण छोड़ देंगे।हालांकि कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि मा के नियंत्रण छोड़ने से कंपनी के लिए अपने आईपीओ को फिर से लाने का रास्ता साफ हो सकता है। हालांकि, इस बदलाव के परिणामस्वरूप लिस्टिंग नियमों के कारण आईपीओ आने में और देरी होने की संभावना है।

चीन के घरेलू शेयर बाजार में कंपनियों को नियंत्रण में बदलाव के बाद लिस्टिंग के लिए तीन साल इंतजार करना पड़ता है। कंपनियों को शंघाई के नैस्डैक शैली के बाजार में लिस्टिंग के लिए दो साल और हांगकांग में एक साल इंतजार करना पड़ता है।2020 में एक्सचेंजों के साथ दायर एंट के आईपीओ प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, मा के पास ई-कॉमर्स दिग्गज अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड की सहयोगी एंट में केवल 10% हिस्सेदारी है, लेकिन उनका संबंधित संस्थाओं के माध्यम से कंपनी पर है। प्रोस्पेक्टस से पता चला है कि मा निवेश फर्म हांग्जो युनबो का दो अन्य ऐसे संस्थाओं पर नियंत्रण था जिनके पास एंट की संयुक्त 50.5% हिस्सेदारी है।

इस मा के पास कंपनी का नियंत्रण था। एंट ने अब कहा है कि मा और उसके नौ अन्य प्रमुख शेयरधारकों ने अपने मतदान अधिकारों का प्रयोग एक साथ नहीं करने पर सहमति व्यक्त की है। वे अब स्वतंत्र रूप से मतदान करेंगे। हालांकि यह भी कहा गया है कि इससे एंट में शेयरधारकों के आर्थिक हित नहीं बदलेंगे।रॉयटर्स की गणना के अनुसार, मा के पास पहले एंट में 50% से अधिक मतदान अधिकार थे, लेकिन बदलाव के बाद अब उनका हिस्सा 6.2% तक रह जाएगा। एंट ने यह भी कहा कि वह अपने बोर्ड में पांचवें स्वतंत्र निदेशक को शामिल करेगी ताकि स्वतंत्र निदेशकों में कंपनी के बोर्ड का बहुमत शामिल हो। वर्तमान में इसके निदेशक मंडल आठ लोग हैं।