एसटी विभाग ने जोमैटो और बाटा को जीएसटी नोटिस भेजा। इस नोटिस में कंपनी पर जुर्माना लगाया है। कंपनियों ने इसकी जानकारी अपने नियामक फाइलिंग में दी है। आइए, पूरा मामला जानते हैं।

जोमैटो को मिला जीएसटी नोटिस

जोमैटो ने अपने नियामक फाइलिंग में कहा थी कि उनके पास 401.7 करोड़ रुपये की जीएसटी देनदारी कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इस नोटिस को लेकर कंपनी ने कहा कि वह या राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। यह राशि डिलीवरी पार्टनर्स की ओर से डिलीवरी शुल्क के तौर पर कलेक्ट किया गया।

कंपनी ने अपने नियामक फाइलिंग में कहा कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय, पुणे जोनल यूनिट से केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 74(1) के तहत 26 दिसंबर, 2023 को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) प्राप्त हुआ है। इस नोटिस में कंपनी को कारण बताना है। कंपनी ने कारण बताते हुए कहा कि वह किसी भी कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है क्योंकि डिलीवरी शुल्क डिलीवरी पार्टनर्सकी ओर से कंपनी द्वारा कलेक्ट किया जाता है।

बाटा को मिला नोटिस

बाटा ने बताया कि आज उन्हें राज्य कर अधिकारी, अन्ना सलाई असेसमेंट सर्कल, चेन्नई से 60.56 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। यह नोटिस 25 दिसंबर को 2018-19 वित्तीय वर्ष के लिए अंतिम ऑडिट रिपोर्ट में उठाए गए कई मुद्दों से संबंधित है। इस नोटिस में उठाए गए मुद्दों में जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-9सी रिटर्न में बाहरी आपूर्ति पर कर में अंतर, अतिरिक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ और क्रेडिट नोट पर आईटीसी रिवर्सल शामिल हैं।

कंपनी ने उन्हें 27 अप्रैल, 2023 को एक ऑडिट नोटिस मिला और उसने जवाब में दस्तावेज जमा किए। फाइलिंग के अनुसार, बाटा इंडिया को अपना मामला पेश करने और विवादित मुद्दों पर अधिक जानकारी देने के लिए 10 जनवरी, 2024 को एक व्यक्तिगत सुनवाई का समय दिया गया था।