डिंडौरी l कृषि विभाग द्वारा प्रेस नोट जारी कर बताया गया कि फसलों की अच्छी पैदावार के लिए नाईट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के अतिरिक्त सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनकी आवश्यकता फसल को बहुत कम मात्रा में होती है, परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि पौधों को इसकी आवश्यकता नहीं है। फसलों के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्त्वों के अन्तर्गत जस्ता, तांबा, लोहा, मैंगनीज, बोरान, मॉलिब्डेनम, निकल एवं क्लोरीन आते हैं इन तत्वों की कमी होने पर फसल की उपज, उत्पादन एवं उसकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है, इसके अतिरिक्त इनकी कमी होने पर भरपूर मात्रा में नाईट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों के प्रयोग करने पर भी अच्छी उपज प्राप्त नहीं की जा सकती एवं इनकी कमी से पौधों में कई तरह के लक्षण उत्पन्न होते हैं।  जिंक :- यह पौधे में कैरोटीन, प्रोटीन संश्लेषण एवं हार्मोन के जैविक संश्लेषण में सहायक एन्जाइम क्रियाशीलता बढ़ाने में सहायक होता है, अगर जिंक की कमी हो जाती है तो पत्तियों का आकार छोटा, पत्तियां पीले धब्बे वाली बन जाती है। दलहनी फसलों की पत्तियों में अन्तः शिरीय पर्ण हरिम हीनता दिखाई देता है। उपयोग :- जिंक की कमी को दूर करने हेतु 25 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर जिंक सल्फेट का उपयोग करें। निजी संस्थानों में श्री जिंक के नाम से यह उपलब्ध है।  बोरॉन :- बोरॉन पौधों में शर्करा बढ़ाने में सहायक होता है बोरॉन की कमी के लक्षण सर्वप्रथम वृद्धि बिन्दुओं और नयी पत्तियों मे दिखाई देते हैं। इसकी कमी से पौधों की जड़ों की वृद्धि एवं पत्तियों का आकार विकृत हो जाती है। कलियां कम होती है फूल और बीज कम हो जाती है। अधपके फल फल्लियां गिरने लगती है। उपयोग :- बोरॉन की कमी को दूर करने हेतु 10 कि.ग्रा. प्रति हेक्० बोरेक्स का उपयोग करें। आयरन : आयरन की कमी से पत्तियों के किनारे अधिक समय तक हरे बने रहते हैं, नये कलिकाओं की मृत्यु हो जाती है, राने छोटे रह जाते हैं एवं पौधा क्लोरोफिल रहित हो जाता है। उपयोगः- आयरन की कमी को दूर करने हेतु 50 कि.ग्रा. प्रति हे 40 फेरस सल्फेट का उपयोग करें। तांबा :- यह पौधों में वृद्धि कारक हार्मोन के संश्लेषण में सहायक होता है इसकी कमी से फलों के अंदर रस का निर्माण कम होता है एवं फलों में लाल भूरे धब्बे और अनियमित आकार बनने लगते हैं। उपयोग- तांबा की कमी को दूर करने हेतु 10 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर कॉपर सल्फेट का उपयोग करें।  मैग्नीजः यह पौधे की एन्जाइम प्रणाली की आरम्भ क्रियाओं में प्रमुख रूप में कार्य करता है। नई पत्तियों के शिरा में हरिम हीनता दिखाई देती है जबकि शिराओं से लगे भाग हरे होते हैं। उपयोग - मैगनीज की कमी को दूर करने हेतु 10 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर मैग्नीज सल्फेट का उपयोग करें। निम्न मुख्य सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग बुवाई के पूर्व करें। अतः कृषकों से अनुरोध है कि मृदा स्वास्थ्य एवं फसल उत्पादकता को बनाने रखने के लिए नियमित मात्रा में सूक्ष्म पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग अवश्य करें।