दमोह l पूरे प्रदेश में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए एक बड़ा अभियान चल रहा है, जिसे राजस्व महाभियान नाम दिया गया है। इस अभियान के दौरान दो बड़े काम करने जा रहे हैं और लगातार कर रहे हैं। पहला ई- के.वाई.सी. और दूसरा नक्शों की तरमीम उठाना है। ई-के.वाई.सी. से फायदा यह है कि किसान सम्मान निधि का लाभ किसान भाइयों-बहनों को मिलता है, वह समय पर मिलता रहेगा। उनका आधार नंबर, उनका खसरा नंबर और उनका समग्र ये तीनों जुड़ जाएंगे और इसके लिए पूरे जिले के अंदर शिविर लगा रहे हैं और इन शिविरों में पंचायत के सचिव और पटवारी, नागरिक सुविधा केंद्र के हमारे कंप्यूटर ऑपरेटर भी बैठते हैं और इन शिविरों में पोस्ट ऑफिस की टीम भी बैठ रही हैं। यह बात आज कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने आमजन से कही है।

            कलेक्टर श्री कोचर ने कहा है किसान भाई आते हैं और जब उनकी ई-के.वाई.सी. करते हैं तो पता चलता है कि उनके आधार नंबर और मोबाइल नंबर लिंक नहीं है। आधार मोबाइल नंबर से जुड़े हुए नहीं हैं, वह शीघ्र अपने स्थानीय पंचायत कार्यालय में संपर्क करें, वहाँ पर पोस्ट ऑफिस वाले हमारे साथ ही बैठते हैं जो आधार को मोबाइल से तत्काल लिंक कर देंगे और उसके बाद ई-के.वाई.सी. हो जाएगी। उन्होंने कहा जिनके आधार और मोबाइल पहले से लिंक है उनकी ई-केवाईसी की व्यवस्था भी पंचायत भवन में की गई है और डेली बेसिस पर यह शिविर हमारे गांव-गांव में पंचायत भवन के अंदर चल रहे है। उन्होनें सभी से आग्रह करते हुये कहा  ई-केवाईसी कराएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।

            कलेक्टर श्री कोचर ने कहा इसी प्रकार कोई खातेदार है और उनका नक्शा बटांकन नहीं हुआ है, नक्शे की तरमीम नहीं हुई है तो वो काम भी किया जा रहा हैं। इसके लिए पटवारी गांव-गांव जा रहे हैं और सभी पक्षकार किसान, भाई-बहन या ग्रामीण भाई-बहन, उनसे मिल रहे हैं और उनकी सहमति के बाद जो खसरे की स्थिति है, मौके की स्थिति देख करके बटांकन का काम कर रहे हैं, नक्शा तरमीम का काम कर रहे हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण काम है और यह हो जाने से जमीन संबंधी विवाद है, कब्जे संबंधी विवाद है उनको काफी हद तक दूर करने में मदद मिलेगी।

            उन्होनें सभी ग्रामीण जनों और सभी किसान भाइयों बहनों से आग्रह करते हुये कहा जब आपके गांव में पटवारी आते हैं और नक्शा तरमीम का काम करते हैं तो मौके पर जरूर उपस्थित रहे और अपना नक्शा बटांकन नि:शुल्क करवाएं ताकि जमीन संबंधी विवाद, उसके उठने की कभी संभावना ही ना हो और जड़ मूल से समस्या निपट जाये। राजस्व महाभियान में सभी का सहयोग अपेक्षित है।