छिंदवाड़ा l कलेक्टर श्री शीलेेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार आज उपसंचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन एवं सह संचालक ऑचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव डॉ. आर.सी. शर्मा के साथ हर्रई विकासखंड के ग्राम भुमका के प्राकृतिक खेती करने वाले कृषक श्री पूरनलाल इनवाती के खेत मे पहॅुच कर प्राकृतिक पद्धति से एक एकड़ में की जा रही केले की खेती का अवलोकन किया गया। किसान द्वारा ड्रिप पद्धति एवं फसल अवशेष प्रबंधन कर पूर्णतः प्राकृतिक रूप से केले की टिश्यू कल्चर के द्वारा तैयार किस्म जी-9 लगाई गई हैं। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन करके मिटटी की गुणवत्ता को सुधारा जा रहा हैं। पिछले वर्ष आधा एकड में केले की प्राकृतिक खेती कर दो लाख सात हजार रूपये का शुद्ध मुनाफा किसान द्वारा प्राप्त  किया गया था। इस वर्ष एक एकड़ से चार से पांच लाख रूपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त होना बताया गया। एक एकड मे 800 पौधे लगाये है, प्रति पौधा औसतन 45 किग्रा. फल प्राप्त हो रहे है, जिसे किसान द्वारा जबलपुर मंडी में औसतन 25 रूपये प्रति किलो के भाव से विक्रय किया जा रहा हैं। 

  किसान द्वारा बताया गया कि हमारा प्राकृतिक केला जबलपुर मंडी में छिंदवाडा के केले के नाम से प्रसिद्ध है एवं व्यापारियों / अढा़तियों द्वारा हाथो हाथ उचित दाम देकर खरीद लिया जाता हैं। सामान्यतः जहॉ केले के भाव 15 से 18 रूपये प्रति किलो की दर से मंडी मे खरीदी होती है, वही हमारा प्राकृतिक केला 25 रूपये प्रति किलो की दर से हाथो हाथ बिक रहा है। किसान द्वारा प्राकृतिक विधि से बैगन,ं टमाटर एवं मक्का की फसल भी लगाई गई हैं, साथ ही आम, कटहल, आंवला, सेव, एप्पल बेर, ड्रेगन फूरुट, नींबू, संतरा, काजू के पौधो का भी रोपण किया गया है। किसान द्वारा मुर्गी पालन (कडकनाथ), बकरी पालन एवं मछली पालन इकाई स्थापित कर समन्वित खेती का उत्कृष्ट उदाहरण का अवलोकन जिले के अधिकारियों द्वारा किया गया। इस प्रकार कुल लगभग 6 एकड जमीन से किसान द्वारा वर्ष में लगभग 10 लाख रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा रहा हैं। इससे प्रेरणा लेकर जिले के अन्य किसान भाई भी प्राकृतिक खेती को अपनाकर एवं समन्वित खेती कर अपनी आय बढा सकते हैं। 

भ्रमण के दौरान श्री सचिन जैन अनुविभागीय कृषि अधिकारी अमरवाडा एवं स्थानीय कृषक उपस्थित रहे।