विद्यार्थी संस्कारवान बने शिक्षक करें प्रयास- मंत्री श्री जायसवाल

अनूपपुर l कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने कहा है कि हमारा जीवन गुरु के बिना अंधकारमय है, गुरु ही हमें प्रकाशवान बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक प्रयास करें कि विद्यार्थी संस्कारवान बने तथा माता-पिता और राष्ट्र की सेवा करें। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे भारतीय शिक्षा के प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना के लिए संकल्पित हों। मध्य प्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल आज सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल कोतमा में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्य मंत्री श्री जायसवाल ने शिक्षक दिवस की सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह शिक्षकों की महती जिम्मेदारी है कि राष्ट्र निर्माण के लिए सर्वस्व समर्पण के लिए तत्पर भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए एकजुट होकर कार्य करें। शिक्षा और शिक्षण का स्वरूप ऐसा हो जो विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे। उन्होंने कहा कि गुरु राष्ट्र निर्माता होते हैं राष्ट्र के उत्थान में अपनी अतुल्यनीय भूमिका निभाते हैं। शिक्षक सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं, जो विद्यार्थियों को शिक्षा देने का कार्य करते हैं तथा राष्ट्र के निर्माण में बच्चों का बेहतर भविष्य गढ़ते हैं।
राज्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है। शिक्षक बच्चों को जो भी सिखाते हैं, उसे जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करें। उन्हें अपने आचरण और व्यवहार से बच्चों को प्रेरित और प्रोत्साहित करें। उनमें सदाचार, व्यवहार एवं संस्कार के बीज रोपित करे। उन्हें बताये कि आचरण एवं व्यवहार जीवन में सफलता का आधार है। गुरु परम्परा भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है। हमारी सांस्कृतिक मान्यताओं में शिक्षक का स्थान सर्वश्रेष्ठ है। शिक्षक समुदाय विद्यार्थी एवं समाज के लिए प्रेरणा-पुंज के रूप में काम करे। अपने कार्य व्यवहार से दूसरों को प्रेरित करें।
राज्य मंत्री ने कहा कि सभी विद्यार्थी भविष्य में क्या बनना है, इसका लक्ष्य आज ही तय कर लें। बिना लक्ष्य के कोई भी कार्य निरर्थक है। सभी विषयों का पाठ्य-पाठ्न गंभीरता के आधार पर करें। जिस विषय में कमजोर है, उसे विषय को और ज्यादा बारीकी से पढ़े तथा कहीं पास कोई समस्या आती है तो अपने शिक्षक से उस समस्या को अपने शिक्षकों को नि:संकोच बताएं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जो ठान ले, तो वह वो बन जाते हैं। पढ़ाई के प्रति जिद, जुनून एवं जज्बा लाइए, तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त कीजिए। राज्य मंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जीवन की अनेक घटनाओं को विद्यार्थियों को विस्तार से बताएं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजसेवी श्री हनुमान गर्ग ने कहा कि हमारे जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक का सर्वोच्च स्थान होता है। उन्होंने गुरू की जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुरू का अर्थ ही है, जो हमें अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाए। भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिवस शिक्षकों के लिए समर्पित किया। उन्होंने कहा कि गुरू शब्द संस्कृत से आता है, हम गुरू-शिष्य परंपरा को मानते हुए सनातन संस्कृति से जुड़ते हैं। गुरू अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। अव्यवस्था को सुव्यवस्था में बदलने के लिए गुरू की दूरदृष्टि की जरूरत होती है। कार्यक्रम का शुभारंभ कुटीर एवं ग्राम उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष कोतमा श्री अजय सराफ, समाजसेवी हनुमान गर्ग एवं सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल कोतमा की प्राचार्य एस. प्रिया ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। समारोह में विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति सभी का मन मोहा। कार्यक्रम में गुरु एवं शिष्य परंपरा की सीख दी गई। इस दौरान राज्य मंत्री सहित अन्य अतिथियों को साल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक गण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।