नई दिल्ली l जैसे-जैसे पैदावार बढ़ रही है वैसे वैसे ही  जमीन बंजर हो रही है। धरती जहरीली हो रही है। इस स्थिति से बचने के लिए सरकार जैविक खेती पर जो दे रही है। साथ ही जैविक उर्वरकों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी दिशा में सहकारी क्षेत्र की कंपनी कृषक भारतीय सहकारी लिमिटेड (कृभको) ने जैविक समाधानों के कारोबार में विश्व की अग्रणी कंपनी नोवोनेसिस ने हाथ मिलाया है।  कृभको और नोवोनेसिस आज इस बारे में एक एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस गठबंधन का उद्देश्य कृषि-जैव समाधानों के क्षेत्र में सहयोग के ऐसे अवसरों का पता लगाना है जिससे फसलों की उपज तो बढ़ेगी ही, मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। कृभको के प्रबंध निदेशक एम आर शर्मा का कहना है कि इस साझेदारी से भारत में एक नए युग की शुरुआत होगी। इसमें भारतीय किसानों को अत्याधुनिक जैव कृषि समाधान सुलभ होंगे। उनका कहना है कि कृभको अपने किसानों को अभिनव कृषि जैव समाधानों के साथ उनको ताकतवर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले चरण में, कृभको ने भारत में नोवोनेसिस के स्वामित्व वाले एलसीओ (लिपो - चीटो - आलिगोसे केराइड्रस) प्रमोटर टेक्नोलॉजी वाला उन्नत माइकोरिज़ल बायो फर्टिलाइजर - 'कृभको राइज़ोसुपर' भारतीय किसानों के बीच उतारा जाएगा। इसके बाद, अगले चरण में अपने उद्योग क्षेत्र की ये दोनों अग्रणी कंपनियां पादप-स्वास्थ्य में उपयोगी नोवोनेसिस के और भी जैव समाधानों को भारत में प्रस्तुत किए जाने की संभावनाओं का पता लगाएंगी । इसके अतिरिक्त, नोवोनेसिस कृभको को उसकी जैवउर्वरक उत्पादन सुविधा को मजबूत करने और अपनी मुख्य माइक्रोबियल तकनीक की मदद से उत्पादों की तालिका को समृद्ध बनाने में भी सहायता करेगी।