ई-रूपी के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

नरसिंहपुर l ई-रूपी के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आत्मा के सभाकक्ष में नरसिंहपुर में संपन्न हुआ, जिसमें ई-रूपी के क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मैनेजर व उनके प्रतिनिधि, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विस्तार अधिकारी एवं सभी वेंडर (कृषि से संबंधित दवाईयों के विक्रेता) मौजूद थे।
प्रशिक्षण में बताया गया कि राज्य शासन ने कृषि विभाग में संचालित योजनाओं के अंतर्गत फसल प्रदर्शन, बीज वितरण में बीज, पोषक तत्व, दवाइयां आदि आदान सामग्री में अनुदान भुगतान के लिए खरीफ वर्ष 2024- 25 में ई- रूपी वाउचर के माध्यम से भुगतान करने का निर्णय लिया है।
उप संचालक कृषि नरसिंहपुर ने ई- रूपी कैशलेस पेमेंट के बारे में बताया कि इसके माध्यम से कृषकों को कृषि आदान सामग्री खरीदने से कई फायदे मिलते हैं। यह सब्सिडी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। विक्रेताओं को सीधे भुगतान सुनिश्चित करता है। रिसाव को कम करता है और लेनदेन में पारदर्शिता को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त यह लक्षित वितरण की सुविधा भी प्रदान करता है, जिससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण इनपुट कुशलता पूर्वक प्राप्त करने में मदद मिलती है।
कृषि आदान सामग्री के अनुदान भुगतान के लिए जिले के अनुज्ञप्तिधारक निजी व सहकारी क्षेत्र के विक्रेताओं (वेंडर्स) को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाता खुलवाना अनिवार्य होगा। बैंक द्वारा वेंडर्स के एंड्राइड मोबाइल पर एप्लीकेशन भेजा जाएगा, जिसे डाउनलोड कर ई- रूपी वाउचर को रिडीम किया जा सकेगा। विक्रेताओं को ई- रुपी स्वीकार किए जाने का डिस्प्ले अपनी संस्था में लगाना होगा। एमपी किसान ऐप में पंजीकृत कृषकों के मोबाइल में भेजे गए ई- रूपी वाउचर को कृषक आसानी से डिस्प्ले की गई संस्थानों में जाकर वाउचर को रिडीम कराकर आदान सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। कृषक का वाउचर रिडीम होने के पश्चात राशि सीधे विक्रेताओं के आधार लिंक बैंक खाते में प्राप्त हो सकेगी। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजना में पायलेट के रूप में ग्रीष्मकालीन मूंग की 200 फसलों का प्रदर्शन किया गया है। इसको देखते हुये प्रदेश के समस्त जिलों में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा एवं नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल ऑयलसीड योजना अंतर्गत खरीफ वर्ष 2024 हेतु ई- रूपी वाउचर के माध्यम से आईपीएम घटक के 200 हेक्टेयर में अनुदान भुगतान किया जाना है। अनुज्ञप्तिधारक निजी व सहकारी क्षेत्र के विक्रेताओं से अपील की गई है कि वे कृषि आदान सामग्री विक्रय के लिए अपना खाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खुलवाऐं।