कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक दल द्वारा फसलों में फ़ैल रहे रोगों एवं कीटों के निरिक्षण हेतु भ्रमण किया गया

उमरिया - वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र ने बताया कि कृषि विज्ञानं केंद्र उमरिया के वैज्ञानिक डा धनंजय सिंह एवं कुंदन मुवेल के द्वारा करकेली विकासखंड के ग्राम घोघरी पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्रामों घोघरी, बरही, मझोली, बरौदा एवं जोगिन में क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी रामधार सरियाम के साथ भ्रमण किया गया। कृषक मिथलेश गौतम, विनीत कुमार गौतम, कृष्णा कुमार गौतम, जयदेव गौतम, मोहनलाल यादव, राम कृपाल यादव, राम गोपाल मेहरा, बसंत सिंह इत्यादी कृषक सम्मलित हुए। भ्रमण के दौरान पाया गया कि जिन कृषकों ने धान की संकर किस्मों को लगाया था उनके फसलों में फाल्स स्मट यानि आभासी कनडवा रोग का संक्रमण था। यह बीमारी कवक जनित है, जिसमे धान में बाली में दानो के स्थान पर काले भूरे रंग का पावडर बन जाता है। यह पावडर हवा का माध्यम से उड़कर एक पौधे से दुसरे पौधे पर पहुच कर संक्रमित करता है, जिससे रोग पुरे खेत में फ़ैल जाता है। इस रोग के नियंत्रण हेतु हेक्साकोनोजोल 5 प्रतिशत एस सी का 200 मिली या अजोक्सीएस्ट्रोबिन 11: $ टेबूकोनोजोल 10 एस सी 200 मिली दवा 150 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर प्रति एकर क्षेत्र में छिडकाव करके प्रयोग किया जा सकता है। यदि बीमारी की सुरु की अवस्था में संक्रमित बाली को सावधानी से तोड़कर खेत से अलग कर दें तो भी संक्रमण को रोका जा सकता है। संक्रमित बाली को तोड़ते समय यह ध्यान रखना चाहिए की बाली का पावडर उड़कर दुसरे पौधों पर न गिरे। कुछ क्षेत्रों में देखा गया की ब्राउन प्लांट हापर यानि भूरा फुदका का भी संक्रमण था। इस बीमारी में पौधे बाली से निचली सतह पर भूरे व काले रंग के मछार उड़ते हुए दिखाई देते हैं जो फसलों से रस चूसकर पौधों को सुखा देते हैं इनका संक्रमण इतना तेज होता है की पूरा खेत की फसल शीघ्र सुख जाती है। इसके नियंत्रण के लिए पयारोमेत्रिजिन 50 डब्लू पी का 150 ग्राम या क्लोरेन्त्रोनिलिप्रोल 18 एस एल का 60 मिली फ्लोनिकामाईट 50 डब्लू जी का 100 ग्राम 150 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर प्रति एकर छिडकाव करना चाहिए। कुछ क्षेत्रों में केस वर्म यानि पत्ती लपेटक कीट का भी संक्रमण पाया गया जिसमें कीट पत्ती को लपेट कर जला बनाकर रहता है तथा पत्ती के हरे भाग को खुरचकर खता है जिससे पत्ती सफ़ेद जालीदार बन जाती है। इसके नियंत्रण हेतु प्रोपेनोफोस 40 इ सी $ साएपरर्मेथ्रिन का 300 मिली दवा 150 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकर छिडकाव करना चाहिए। कुछ जगहों पर सैनिक कीट का प्रकोप भी पाया गया जिसमें कीट शाम के के समय पौधे के बालियों एवं पत्तियों को काट कर गिरा देता है जिसके नियंत्रण हेतु क्लोरोपेरिफास 20 ई सी 300 मिली दवा 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।