राष्ट्रीय महिला किसान दिवस का आयोजन, महिला किसानों का हुआ सम्मान

डिंडौरी जिला मुख्यालय में गत दिवस पहली बार राष्ट्रीय महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया। डिंडौरी में मिरेकल मिलेट्स परियोजना अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रुदेश परस्ते, वन संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य हेतु महामहिम राष्ट्रपति महोदया से सम्मानित उजियारो बाई, कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ बैज्ञानिक श्री पीएल अंबुलकर, श्रीमती गीता सिंह, उद्यानकी विभाग एवं जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन श्री जेएस पट्टा उपस्थित रहे।
समारोह में जिले के समस्त विकासखंड से 200 महिलायें उपस्थित रहीं। समारोह का शुभारंभ जनजागरूकता हेतु, आनंदम दीदी कैफै से उन्नति प्रशिक्षण केंद्र तक, एक महिला किसान रैली के तहत हुआ। जिसमे महिलाओं ने काफी उत्साह पूर्वक अपनी सहभागिता दिखाई। तदोपरांत, सरस्वती वन्दना कर, निवसिड संस्था के क्षेत्रीय निर्देशक विमल दुबे द्वारा सभी महिलाओं द्वारा प्रदर्शित उत्साह की सराहना करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की और वर्षों से निवसीड द्वारा संचालित कार्यों का संक्षिप्त उल्लेख किया। आदिवासी महिलाओं ने कोदो-कुटकी की खेती, सामुदायिक विकास और वनों के संरक्षण एवं प्रबंधन पर अपना अनुभव साझा किया। आदिवासी महिलाओं प्रमुख रूप से उजियारो बाई, श्यामा बाई, रामकली बाई, रजनी मंदे, प्रीति मरावी और अन्य महिला एफपीओ प्रतिनिधि ने अपनी वास्तविक जीवन की कहानियों में अपने जीवन के सफलताओं, चुनौतियों और अभिनव समाधानों का आदान-प्रदान किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा कर उनके सफल पहल को दोहराने, सतत विकास और सामुदायिक विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया। ग्रामीण विकास के विभिन्न क्षेत्रों में स्वैच्छिक प्रयासों और सामुदायिक भागीदारी में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आदिवासी महिलाओं को शाल, प्रशस्ती पत्र एवं स्मृति चिन्ह दे कर। इसने उनके योगदान की सार्वजनिक स्वीकृति, मनोबल बढ़ाने और निरंतर भागीदारी को प्रोत्साहित करने का काम किया।
कार्यक्रम के उपरांत आदिवासी महिलाओं द्वारा प्रस्तुत, 17 अलग-अलग कोदो-कुटकी से तैयार व्यंजनों का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन किया गया। जिसमें कुटकी खीर, रागी लड्डू, हलवा, कोदो खिचड़ी, रागी बर्फी, कोदो इडली, टिकिया व खुरमा आदि व्यंजन शामिल थे। इस के साथ प्रमुख रूप से आदिवासी समुदाय के पारंपरिक व्यंजन जैसे कोदो पेज, कुटकी पेज के साथ चेच भाजी भी प्रदर्शन में आकर्षण का केंद्र रहे। फूड स्टॉल ने न केवल लोगों को उत्साहित किया, बल्कि स्वस्थ भोजन, टिकाऊ कृषि प्रथाओं और भूले हुए अनाज के पुनरुद्धार के महत्व को भी रेखांकित किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रुदेश परस्ते ने इन स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रतिभाशाली महिलाओं और इस आयोजन की सफलता में योगदान देने वाले सभी लोगों की सराहना की। इस आयोजन में पारंपरिक बीज बैंक से बीज, जैव आदान एवं किसान उत्पादक कंपनी के कृषि उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले अतिरिक्त स्टाल भी शामिल थीं। जिसमें जैव आदान संसाधन केंद्र में उपलब्ध जैविक आदनों ने श्री रुद्रेश परस्ते का ध्यान केंद्रित कर किसान से संक्षिप्त चर्चा का रूप लिया, फिर किसान द्वारा उन्हे जैव उत्पाद भेंट स्वरूप दिया गया।
राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के अवसर पर आयोजित इस समारोह ने जिलें में लघु धान्य फसल, जल-जंगल-जमीन संरक्षण एवं प्रवंधन, समुदाय विकास एवं अधिकार पर जोर दे कर जिले के महिलाओं को सशक्त किया। कार्यक्रम नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वुमन चाइल्ड एण्ड यूथ डेवलपमेंट द्वारा कृषि बिभाग, एनसीएनएफ एवं एसडीआईए संगठनों की सहयोगी संस्था प्रदान एवं कार्ड के सहयोग से जिला स्तरीय समारोह का सुचारु रूप से आयोजन किया गया।