विदिशा कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह ने शमशाबाद तहसील के ग्राम तिनसियाई में प्रगतिशील कृषक श्री रविन्द्र यादव के खेत पहुंचकर कृषक द्वारा आधुनिक खेती के लिए शासकीय योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ लेते हुए उन्नत कृषि उपकरणों के किए गए प्रबंध केन्द्र का अवलोकन किया।

   नटेरन तहसील के ग्राम तिनसियाई के कृषक श्री रविन्द्र यादव ने बताया की कृषि विभाग के संपर्क मे आने से उन्होने धान लगाने की पेडी ट्रांसप्लाटिंग मशीन भी खरीदी थी और अभी सुपर सीडर मशीन भी खरीदी है। वह दोनो ही मशीनो का उपयोग कर रहे है। अभी लगभग 80 बीघा क्षेत्र में सुपर सीडर से गेहूं की बुवाई कर चुके हैं। उनका कहना है कि बड़े क्षेत्र वाले किसानों के लिए यह मशीन वरदान है। क्योंकि इसमें समय और लेबर दोनों की बचत हो रही है।

    नरवाईपराली जलाना बडी समस्या हैंदेश में पंजाब के बाद मध्यप्रदेश में ही सर्वाधिक  नरवाई जलाने की घटनाऐं होती है। इसकी रोकथाम हेतु जिले मे इस बार कृषि विभाग के द्वारा एक अभिनव पहल की जा रही है जिसके अंतर्गत धान लगाने वाले गांवो में धान की कटाई के तुंरत बाद बिना जुताई करें सीधे सुपर सीडर यंत्र से गेहूं या चने की बोनी की जा रही है। इससे धान कटाई के बाद नरवाई जलाने की समस्या से निजात मिल रही है। इस तकनीक के द्वारा धान की कटाई के बाद बिना जुताई किये सुपर सीडर नामक ट्रेक्टर चलित यंत्र से गेहूं या चने की बुवाई की जाती है। जिससे समय की बचत हो कर सही समय पर बोनी हो जाती हैं और धान की कटाई के बाद भूमि की तैयारी की वजह से होने वाले विलम्ब से छुटकारा मिलता हैं। जिले में अभी तक लगभग 120 एकड़ क्षेत्र में इस तकनीक से गेहूं की बोनी की जा चुकी है । जबकी विभाग द्वारा इस वर्ष 1000 एकड़ क्षेत्र में गेहूं एवं  चने की बुवाई का प्लान किया गया है। इस हेतु कृषि विभाग एवं कृषि इंजीनियरिंग के मार्गदर्शन में विभिन्न ग्रामों में सुपर सीडर से बुवाई के प्रदर्शन आयोजित किये जा रहे है।

 

नरवाई जलाने से होते है कई नुकसान

 

                                नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता हैं जो कि ग्लोबलवार्मिंग का एक कारण है। भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीव जो मिटटी को उर्वर बनाते है,जलकर नष्ट हो जाते हैं जिससे भूमि में जैविक खाद का बनना बंद हो जाता हैं। भूमि के कठोर हो जाने से जल धारण क्षमता कम होती है जिससे फसलें जल्दी सूखती हैं।  मृदा का कार्बनिक पदार्थ स्तर कम होने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती हैं। अतरू वातावरण एवं मृदा स्वास्थ्य उत्तम बनाए रखने के लिए   नरवाई   जलाने की रोकथाम किया जाना अत्यन्त आवश्यक हैं।

दण्डनीय अपराध भी है 

                                खेतो में नरवाई जलाने का कृत्य जिला कलेक्टर द्वारा धारा 144 के तहत प्रतिबंधित है। नरवाई पर आग लगाने पर पुलिस द्वारा प्रकरण भी कायम किया जा सकता है।

 

सुपर सीडर खरीदने पर दी जा रही है सब्सिडि

 

                                सुपर सीडर मशीन कृषको के लिए अनुदान पर भी उपलब्ध है। आवेदक के पास 55 हॉसपावर या उससे ऊपर का ट्रेक्टर होना आवश्यक हैं। SC/ST कृषको को 50 प्रतिशत या 1.05 लाख जो भी कम हो तथा अन्य कृषको को 40 प्रतिशत या 84000 हजार जो भी कम हो का अनुदान विभाग द्वारा दिया जा रहा हैं। इस हेतु अभी तक  28 कृषको द्वाराhttps://farmer.mpdage.org/ साईट पर पंजीयन कराया गया था जिसमें से 12 कृषकों ने उक्त मशीन अनुदान पर क्रय कर ली है।

 

एक साथ तीन काम करती है सुपर सीडर मशीन

 

सुपर सीडर मशीन तीन मशीनों को जोड़कर तैयार की गई है। इसमें रोटावेटर,सीड कम फर्टि ड्रिल,डिस्क तथा लेवलर को एक साथ इस तरह जोड़ा गया है कि खेत की जुताई बुवाई तथा लेवलिंग का काम एक ही बार में हो जाता है।  आगे रोटावेटर होने से खेत की नरवाई को भूसा बनाकर खेत की मिट्टी में मिला देता है जो बाद में खाद में परिवर्तित हो जाती हैइससे नरवाई को भी नहीं जलाना पड़ता और खेत भी साफ हो जाता है  ।जिससे कृषक के समय और डीजल की बचत होती है। समय पर बोवनी होने से गेहूंध्चने का उत्पादन बढ जाता है और कृषक तीसरी फसल भी ले सकता है।

 

चयनित कृषकों को सुपर सीडर से बोवनी करने पर दी जायेगी सहायता

 

   किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जिले के 14 ग्रामों का चयन किया गया हैंजिनको नरवाई जलाने से मुक्त किया जाना हैं। चयनित ग्रामो में  बोरलॉग संस्थान फॉर दक्षिण एशिया जबलपुर की तकनीकी मदद से जिले के 1000 एकड़ भूमि पर प्रदर्शन आयोजित किये जा रहे है। चयनित ग्राम अंतर्गत प्रदर्शन वाले कृषकों को प्रति प्रदर्शन 1650 रूपये की आर्थिक सहायता  हैप्पी सीडरध्सुपर सीडर से बोवनी करने हेतु दी जावेगी। एक प्रदर्शन एक एकड़ का होगा।