छिंदवाडा़ l जिले के किसान अब परंपरागत खेती से आगे बढ़कर उद्यानिकी फसलों के माध्यम से नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। टमाटर की खेती ने न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और प्रेरणास्त्रोत भी बनाया है। अमरवाड़ा विकासखंड के ग्राम करबडोल के प्रगतिशील किसान श्री मनोज वर्मा ने भी टमाटर की खेती से सफलता की नई इबारत लिखी है।
         श्री मनोज वर्मा पहले अपने 2.5 एकड़ खेत में मक्का और गेहूं की पारंपरिक फसल उगाते थे जिससे वर्षभर में उन्हें लगभग 1.50 लाख रुपये की आय होती थी। लेकिन उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से उन्होंने अपनी फसल प्रणाली में बदलाव किया और टमाटर की उन्नत खेती शुरू की। श्री वर्मा ने बताया कि उन्होंने "साहो" और "बाहो" किस्म के टमाटर की खेती 5 महीने पहले 2.5 एकड़ में शुरू की। इसमें उनकी कुल लागत 5 लाख रुपये आई।
उत्पादन और आय का विवरण- टमाटर की फसल से अब तक श्री वर्मा को 400 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ है। बाजार में इसे 4000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचकर उन्हें 16 लाख रुपये की आय हुई। लागत को घटाने के बाद उन्हें अब तक 11 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी फसल से और 4-5 लाख रुपये की आय होने की संभावना है। यह सफलता न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है बल्कि उद्यानिकी विभाग की तकनीकी सहायता और प्रोत्साहन का भी प्रमाण है।
उद्यानिकी विभाग का योगदान - उद्यानिकी विभाग ने श्री वर्मा की टमाटर खेती को उन्नत और लाभदायक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभाग ने उन्हें उन्नत किस्मों की जानकारी उपलब्ध कराई और बुवाई से लेकर विपणन तक हर चरण में मार्गदर्शन व सहायता प्रदान की। आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी देकर उत्पादन बढ़ाने और गुणवत्ता सुधारने में उनकी सहायता की। इसके अलावा खेती को अधिक लाभकारी बनाने के लिए निरंतर समर्थन और सहयोग प्रदान किया।
         उप संचालक श्री एम.एल. उइके, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी श्री सुबोध ठाकरे और ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी श्रीमती हर्षा डेहरिया ने श्री वर्मा के  लगातार खेत का भ्रमण करके उनकी खेती में अपनाई गई आधुनिक विधियों और तकनीकों की सराहना की और कृषक का उत्साहवर्धन किया।
टमाटर की खेती: प्रेरणादायक कदम- श्री वर्मा का कहना है कि टमाटर की खेती ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। उनकी यह सफलता अन्य किसानों के लिए एक मिसाल है। यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन, आधुनिक तकनीक और मेहनत से खेती को लाभप्रद व्यवसाय बनाया जा सकता है।
आगे की योजना- श्री वर्मा अब अपनी कृषि प्रणाली को और विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं। वे ग्रीनहाउस और ड्रिप सिंचाई जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने की तैयारी में हैं, जिससे पानी की बचत और उत्पादकता में वृद्धि होगी।