किसान की आय दोगुना करने में पशुपालन गतिविधियों का विशेष योगदान

सीहोर l किसानों की आय दोगुनी करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। किसान की आय दोगुना करने में पशुपालन गतिविधियों का विशेष योगदान है। मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना सहित अन्य विभागीय योजनाओं में पशुपालन गतिविधियों में किसानों को लगभग 50प्रतिशतअनुदान विभाग द्वारा दिया जाता है। विभागीय अधिकारी किसानों को पशुपालन के लिए प्रेरित करें और उनको शासन की योजनाओं का पूरा लाभ दें। मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान के दौरान पशुपालन शिविर लगाया जाए और पशुपालन योजनाओं के अधिक से अधिक प्रकरण स्वीकृत किए जाएं।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत पशुपालकों को कुक्कुट पालन, बकरी पालन, शूकर पालन और चरी/चारा उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए। बड़े शहरों में कड़कनाथ विक्रय से पशुपालक किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सकता है। महिला स्व-सहायता समूह को राष्ट्रीय पशुधन मिशन की गतिविधियों से जोड़ा जाए। योजना अंतर्गत स्व सहायता समूह को कुक्कुट पालन के लिए कई यूनिट प्रदाय की जाए। केंद्र सरकार को एक यूनिट में 100 कुक्कुट प्रदाय करने का प्रस्ताव भिजवाया जाए। वर्तमान में एक यूनिट में 40 कुक्कुट प्रदाय किए जाते हैं। पशुपालक किसानों को साइलेज के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाए। भूसे की तुलना में साइलेज पशुओं के लिए अधिक पौष्टिक होता है, पशु में दूध की मात्रा बढ़ता है और इसकी कीमत भी कम होती है। यह मक्के की चारी और नेपियर घास से बनता है। किसान चरी/चारा उत्पादन कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। चरी/चारा उत्पादन योजना में शासन की ओर से 50% अनुदान है।
प्रमुख सचिव पशुपालन ने कहा कि अधिकारी पशु बीमा के लंबित प्रकरणों का बीमा अधिकारियों से निरंतर संपर्क कर निराकरण कराएं। यदि संबंधित बीमा कंपनियां बेवजह किसानों के बीमा दावे रोकती हैं तो उपभोक्ता फोरम में प्रकरण दर्ज कराएं। सभी किसानों को पशु बीमा की दावा राशि दिलाए जाना सुनिश्चित करें।