सिवनी l प्राधिकृत अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के दर्पण सभागार में कृषि प्रणाली अनुसंधान परियोजना जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा फसल विविधीकरण विषय पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया इस दो दिवसीय फसल विविधीकारण प्रशिक्षण भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ के द्वारा प्रायोजित किया गया है। इस फसल विविधीकारण प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ व्ही बी उपाध्याय एवं विशिष्ट अतिथि प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष शस्य विज्ञान विभाग, डॉ पी के मिश्रा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एस बी अग्रवाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नम्रता जैन परियोजना प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ शेखर सिंह बघेल मंचासीन रहे। मुख्य अतिथि डॉ व्ही बी उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा की फसल विविधीकरण अंतर्गत फसले, रिले क्रॉपिंग, फूलों की खेती आदि के द्वारा उत्तम लाभ प्राप्त कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ पी के मिश्रा ने कहा की खेती की बेहतर तकनीक, उन्नत किस्मों का सही जानकारी से बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. एस. बी. अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक फसल, एक किस्म को लगातार लंबे समय तक लेने से कीट-व्याधियों की समस्या बढती है, एवं भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती जाती है अतः समय परिस्थितियों के अनुसार हमारे किसान भाइयों को स्मार्ट खेती करनी होगी ताकि फसलों के विविधीकरण करने से विषम परिस्थितियों में भी बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है प्रशिक्षण कार्यक्रम में जबलपुर से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नम्रता जैन परियोजना प्रमुख ने बताया कि फसल विविधीकरण परियोजना अन्र्तगत मध्यप्रदेश में यह प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी में प्रारंभ किया गया है यह बड़े गौरव की बात है कि सिवनी जिले से इस फसल विविधीकरण परियोजना का शुभारंभ किया जा रहा है अपने जानकारी देते हुए बताया कि जैव विविधता को बेहतर करने के लिए मृदा स्वास्थ्य को सुधार हेतु एवं फसलों का उत्पादन कर उनका वैल्यू एडिशन कैसे किया जाए इन विषयों पर आप ने विस्तार से हमारे किसान भाइयों को जानकारी दी, प्रशिक्षण में जुडे हुए किसान 4 साल तक लगातार परियोजना के माध्यम से बताई हुई तकनीकी पर खेती का कार्य करते हुए एक प्रभावशील एवं दिशा के साथ कार्य करेंगे जिसका लाभ सिवनी जिले के किसानों को प्राप्त होगा प्रशिक्षण के प्रारंभ में किसान भाई क्या चाहते हैं किस तरीके से खेती में बदलाव होना चाहिए। इन सब बातों पर परिचर्चा की गई इसके बाद किसान भाइयों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्वागत उद्बोधन कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. शेखर सिंह बघेल द्वारा किया गया डॉ. शेखर सिंह बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि फसल विविधीकरण आज के समय की मांग है, हमारे किसान भाई लगातार एक ही फसलों को उत्पादन लेने के कारण विभिन्न प्रकार की खेती में समस्याएं पैदा हो रही हैं साथ ही साथ उत्पादन लागत बढ़ रही है भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है एवं खेती प्रदूषण की समस्या भी बढ रही है इन सब बातों पर यह प्रशिक्षण किसानों के लिए एक नई दिशा एवं बेहतर खेती के कार्य योजना बनाने में कारगर सिद्ध होगा।       उन्‍होंने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र में डॉ निखिलसिंह वैज्ञानिक ने चने की फसल कि किस्म जे.जी.-24 के बारे में जानकारी देते हुए प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया साथ ही मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित जबलपुर से आए वैज्ञानिकों द्वारा फसल संग्रहालय का भ्रमण किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम गोडेगांव, पाथरफोडी एवं बमोढी आदि के लगभग 30-40 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतम संचालन डॉ. निखिल कुमार सिंह वैज्ञानिक एवं आभार प्रदर्शन डॉ के के देशमुख द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि डॉ व्ही बी उपाध्याय का शॉल एवं श्रीफल देकर आभार प्रदर्शन किया गया एवं कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के वर्ष 2025 का कैलेंडर वितरित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. के. के. देशमुख, डॉ. एन. के. सिंह, इंजि. कुमार सोनी, श्रीमती प्रिया चौकसे, श्रीमती आभा श्रीवास्तव, श्री शुभम झारिया, श्री देवी प्रसाद तिवारी, श्री हिमांशु कुमारे, श्री जयंशकर गौतम एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, सिवनी के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रहीं।