सीहोर l जिस मॉं ने नौ माह तक अपनी कोख मे रखाजन्म देकर पालपोष कर बड़ा किया और उंगली पकड़ कर जीवन की राह पर चलना सिखाया। मॉं ने बच्चों को इस काबिल बनाया कि वे अपने पैरो पर न केवल खड़े हो सकेंबल्कि उन्नति के पथ पर  आगे बढ़ते रहने की हमेशा ईश्वर से प्रार्थना की। आज सीहोर की ऐसी ही एक मॉं को तीन-तीन बेटों के होते हुए उम्र के अंतिम पड़ाव पर भरण-पोषण के लिए एसडीएम से गुहार लगानी पड़ी। सीहोर एसडीएम कोर्ट का यह प्रकरण एकल परिवार की अवधारणाबिखरते सामाजिक ताने-बाने और माता-पिता के प्रति बच्चों की सुप्त होती संवेदना का मार्मिक उदाहरण है। एसडीएम श्री तन्मय वर्मा ने अपनी कोर्ट में सुनवाई की और तीनों बेटों को प्रतिमाह भरण-पोषण राशि देने का आदेश देकर एक दुखी मॉं को राहत पहुंचाई है। एसडीम तन्मय वर्मा ने बताया कि भरण-पोषण राशि नहीं देने पर बेटे को जेल तक भेजना पड़ा।    

      सीहोर के मुर्दी मोहल्ला गंज निवासी वृद्ध श्रीमती मीराबाई ने एसडीएम तन्मय वर्मा के समक्ष जीवन यापन के लिए भरण-पोषण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। श्रीमती मीराबाई के नीरजधर्मेन्द्र एवं भरततीन बेटे हैं। एसडीएम तन्मय वर्मा द्वारा पुत्रों द्वारा भरण-पोषण नहीं किए जाने पर माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम 2007 के तहत विधिवत एसडीएम कोर्ट में प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र जारी किया गया।

तीनों पुत्रों को दो-दो हजार रूपये प्रतिमाह देने का आदेश

     
      कोर्ट में भरण-पोषण की राशि के लिए विधिवत सुनवाई कर आवेदिका श्रीमती मीरा बाई की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत रखते हुए तीनों पुत्रों को भरण-पोषण के लिए दो-दो हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से कुल 06 हजार प्रतिमाह  श्रीमती मीराबाई को देने का आदेश पारित किया गया। इसके साथ ही न्यायालय द्वारा पुत्र भरत सोनकर द्वारा आवेदिका से पूर्व में ली गई 90 हजार रूपये राशि भी पंचों की उपस्थिति में पुनः वापस दिलाई गई।

       न्यायालय द्वारा आदेश पारित करने के चार माह उपरान्त आवेदिका मीराबाई द्वारा पुनः शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें आवेदिका द्वारा बताया गया कि न्यायालय के आदेश के तहत उनके एक पुत्र द्वारा भरण-पोषण राशि का भुगतान किया जा रहा है एवं अन्य दोनो पुत्र आदेशानुसार राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। आवेदिका द्वारा उक्त दोनो पुत्रों से जीवन यापन के लिए पोषण राशि दिलवाए जाने का निवेदन किया गया। 

एक पुत्र को जेल भेजा गयादूसरे को प्रस्तुत करने के निर्देश

     
      श्रीमती मीराबाई द्वारा प्रस्तुत आवेदन के संबंध में पुत्रों द्वारा भरण-पोषण राशि नहीं दिए जाने के संबंध में भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत दोनों के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। थाना प्रभारी द्वारा उत्तरवादीगण को समक्ष में पेश नहीं किया जा सका। प्रकरण में उत्तरवादी पारित आदेशानुसार माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम 2007 की धारा-उपधारा-में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 03 दिवस की कालावधि के लिए जेल भेजने का आदेश पारित कर भारसाधक अधिकारी को पृथक से जेल सुपुर्द करने हेतु वारंट जारी किया गया। एक पुत्र को जेल भेजा गया एवं एक अन्य पुत्र को पुलिस द्वारा आज दिनांक तक न्यायालय मे पेश नही करने से पुनः थाना प्रभारी को सूचित कर पेश करने हेतु निर्देशित किया गया।