एक राष्ट्र-एक चुनाव देशवासियों के हित में महत्वपूर्ण आवश्यकता

सतना । नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य विभाग मंत्री एवं सतना जिले के प्रभारी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि लोक कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की गति को अनवरत बनाये रखने एक राष्ट्र-एक चुनाव देशवासियों के हित में महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इससे विकास कार्यों की गति को अनवरत रखने चुनाव के समय होने वाले धन और समय की बचत भी होगी। प्रभारी मंत्री गुरूवार को सतना में एकेएस यूनिवर्सिटी के सेन्ट्रल हाल में आयोजित एक राष्ट्र-एक चुनाव विषय पर राष्ट्रव्यापी विचार एवं परामर्श सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में जिले के प्रबुद्धजनों तथा खासकर युवाओं को संबोधित कर रहे थे। प्रभारी मंत्री ने एक राष्ट्र-एक चुनाव विषय पर युवाओं और विश्वविद्यालयीन छात्रों से संवाद कर उन्हें प्रेरणास्पद मार्गदर्शन दिया। युवाओं की जिज्ञासा और शंकाओं का प्रभारी मंत्री ने संतुष्टिपूर्ण समाधान भी किया। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, महापौर योगेश ताम्रकार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुस्मिता सिंह, विश्व विद्यालय के कुलाधिपति श्री बीपी सोनी, जिलाध्यक्ष भगवती प्रसाद पाण्डेय, विश्वविद्यालय के डायरेक्टर अनंत सोनी भी मंचासीन रहे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक राष्ट्र-एक चुनाव की अवधारणा के संबंध में बताया कि देश में यह पहली बार नहीं हो रहा है। संविधान के गठन के बाद वर्ष 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया जारी रही है। दुनिया के सबसे बडे प्रजातांत्रिक देश भारत में यदि लोकसभा, विधानसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं तो इसमें विकास कार्यों और लोक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की गति चुनाव के कारण प्रभावित होती है। विकास की गतिविधियां अनवरत उसी गति के साथ चले, इसके लिए एक राष्ट्र-एक चुनाव देश की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे जनता की सरकार को चुनने में देश के मतदाताओं और देशवासियों की भागीदारी भी बढेगी। अभी 144 करोड की जनसंख्या वाले देश में मतदाताओं की भागीदारी 60 से 65 प्रतिशत ही हो पाती है। नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि केन्द्र सरकार ने विस्तृत विचार-विमर्श और देशवासियों की राय से एक राष्ट्र-एक चुनाव के संबंध में भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। इस समिति ने विभिन्न प्रांतों में जाकर हर वर्ग, हर समुदाय संस्थाओं से व्यापक विचार-विमर्श के बाद रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के आधार पर संविधान के 129वें संशोधन के लिए लोकसभा में संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया। अभी यह विधेयक ज्वांइट पार्लियामेंट कमेटी के पास है।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे प्रजातांत्रिक देश में भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराता है। चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों को भी दूर दराज के प्रांतों में भेजा जाता है। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पडेगा और देश के संसाधनों, श्रम, धन और समय की बचत भी होगी। देश की प्रांतीय सरकारें भी विकास कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की रफ्तार को अनवरत बनाये रख सकती है। संसदीय कार्य मंत्री ने एक राष्ट्र-एक चुनाव के संबंध में प्रबुद्धजनों और युवा विश्व विद्यालयीन छात्रों द्वारा पूछे गये प्रश्नों, शंकाओं का संतुष्टिपूर्ण उत्तर देकर समाधान किया।
राज्यमंत्री नगरीय विकास एवं आवास श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि भारत का संविधान सबके लिए पूज्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को गौरवान्वित करने का बीडा उठाया है। भारत को आधुनिक देश बनाने एक राष्ट्र-एक चुनाव उपयोगी साबित हो, इसके लिए सबको मिलकर समर्थन करना चाहिए। महापौर योगेश ताम्रकार ने कहा कि देश तेजी से बदल रहा है। वर्ष 2014 के पहले जिन कार्यों की कल्पना नहीं कर सकते थे। वह वर्ष 2014 के बाद सरकार के प्रयासों से पूरी हो रही है। एक राष्ट्र-एक चुनाव इस देश की महती आवश्यकता है। जिलाध्यक्ष भगवती प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिससे धन और समय की बचत होगी। यह विषय देश की दिशा और दशा तय करेगा। जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुस्मिता सिंह ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव लोकतांत्रिक देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय साबित होगा। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बीपी सोनी ने कहा कि प्रजातांत्रिक देश में हर समय चुनाव होने से विकास बाधित होता है और समय, श्रम, धन का अपव्यय भी होता है। सम्मेलन का शुभारंभ प्रभारी मंत्री श्री विजयवर्गीय ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम में अंत में एकेएस यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर अनंत सोनी ने आभार व्यक्त किया।