गेहूं उपार्जन से जुड़कर नंदिनी बनी ‘‘लखपति दीदी’’

खिरकिया विकासखण्ड के ग्राम पोखरनी निवासी नंदिनी चौरे की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। वह भी कुछ काम कर अपने परिवार के संचालन में पति की मदद करना चाहती थी पर जानकारी के अभाव में कुछ नहीं कर पा रही थी। नंदिनी को एक दिन पता चला कि महिलाओं के स्वसहायता समूहों को घर पर ही छोटे मोटे व्यवसाय शुरू करने के लिये सरकार से आर्थिक मदद मिलती है। बस फिर क्या था, नंदिनी ने अपने आसपास की कुछ महिलाओं से बात कर श्री गणेश आजीविका स्वसहायता समूह बना लिया और महिलाओं ने मिलकर अगरबत्ती निर्माण का व्यवसाय शुरू किया, जिससे उसे हर महिने लगभग 10 हजार रूपये की आय होने लगी। एक दिन नंदिनी को मालूम चला कि सरकार गेहूं उपार्जन का कार्य भी महिला स्वसहायता समूह को दे रही है। नंदिनी ने अपने स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ मिलकर गेहूं उपार्जन का कार्य शुरू कर दिया, जिससे अब नंदिनी की आय बढ़कर दुगुनी हो गई। नंदिनी अब साल में 2-3 लाख रूपये आसानी से कमा लेती है। आय बढ़ने से नंदिनी और उसका परिवार बहुत खुश है क्योंकि गांव वाले उसे ‘‘लखपति दीदी’’ जो कहने लगे हैं।