खरीफ मौसम 2025 के लिए फसल ऋण वितरण किया प्रारंभ

खरगोन l खरीफ मौसम 2025 के लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन से संबद्ध खरगोन एवं बडवानी जिले से संबद्ध 182 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में एक साथ 01 अप्रैल 2025 से कृषकों को खरीफ मौसम 2025 के लिए शासन की शून्य प्रतिषत ब्याज योजना अंतर्गत फसल ऋण वितरण का कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बैंक प्रबंध संचालक श्री पीएस धनवाल द्वारा बताया गया कि खरीफ मौसम 2025 में अब तक 615 किसानों को 805 लाख रुपये का ऋण वितरण किया जा चुका है। श्री धनवाल द्वारा बताया गया कि सभी मैदानी अमले को ताकिद किया गया है कि कोई भी पात्र कृषक फसल ऋण लेने के लिए समिति से बिना ऋण लिये नहीं जाना चाहिए। ऋण वितरण की समस्त औपचारिकताए एवं दस्तावेजीकरण सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ किसानों के साथ सोहार्दपूर्ण व्यवहार करते हुये पूर्ण करावें। ऐसे किसान जो कालातीत है यदि उनके द्वारा कालातीत ऋण की राशि चुकता की जाती है, तो उन्हें भी प्राथमिकता के साथ ऋण वितरण किया जावें ताकि वह किसान भी शून्य प्रतिशत ब्याज योजना का लाभ उठा सकें।
संस्थाओं द्वारा शासन की अग्रिम खाद भंडारण योजना अंतर्गत रासायनिक खाद का वितरण भी प्रारंभ कर दिया गया है। अब तक 6920 किसानों को 5111 मेट्रिक टन खाद वितरित किया गया है। वर्तमान में बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं समस्त प्रकार के खाद उपलब्ध है। खरगोन जिले में यूरिया 5734 मेट्रिक टन, डीएपी 745 मेट्रिक टन, काम्पलेक्स 8626 मेट्रिक टन, पोटास 2557 मेट्रिक टन तथा सुपर 6449 मेट्रिक टन खाद उपलब्ध है।
बैंक प्रबंध संचालक श्री धनवाल ने दोनों जिलों के किसानों से अपील की है कि अपनी खरीफ फसलों के लिए लगने वाले खाद का अग्रिम भंडारण कर लें। ताकि सीजन के समय उन्हें खाद उठाव करने में कोई परेशानी का सामना न करना पडें। वर्षा प्रारंभ होते ही उर्वरकों की मांग बढ जाती है। यदि किसानों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार खाद संस्था से अग्रिम उठाव कर लिया जाता है, तो संस्था के गोदाम में रिक्तता आने से संस्था द्वारा और अग्रिम भंडारण कर लिया जाएगा। वहीं संस्था को खाद भंडारण के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो सकेगा। किसानों को भी पीक सीजन में खाद आपूर्ति की समस्या भी नही रहेगी। खरगोन जिले की सभी संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि संस्था कार्यक्षेत्र के समस्त ग्रामों में डोंडी पिटवाकर किसानों को अग्रिम खाद के उठाव के लिए प्रेरित किया जाए ताकि किसानों को पीक सीजन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।