नई दिल्ली । कवि कुमार विश्वास ने आतंकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आतंकियों के सफाए की मांग की। अपने कविता पाठ की एक पुरानी क्लिप साझा करते हुए कुमार ने एक एक्स पोस्ट में कहा: "एक दशक पहले कहा था, फिर दोहरा रहा हूं। इसे आज या कल समझो - यही एकमात्र इलाज है। क्लिप में कुमार द्वारा सुनाई गई कविता कहती है,जिसका मोटे तौर पर अनुवाद है: "देश बनाएँ या अपने बेटों की लाशें ढोएँ? इस दुविधा में हर पक्की जीत खो जाती है। दिल्ली में बैठे लोग आखिर कब यह समझेंगे? जब कुत्ता पागल हो जाता है, तो उसे गोली मार दी जाती है...!"