पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने किया एंटी सबोटेज चेक कोर्स प्रशिक्षण का शुभारंभ

भोपाल । विशेष शाखा प्रशिक्षण केन्द्र, भोपाल में आज 01 जुलाई को एंटी सबोटेज चेक कोर्स का शुभारंभ पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा द्वारा किया गया।
इस तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों के 48 उप पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षा बलों को आपातकालीन गतिविधियों की समय रहते पहचान, बम एवं विस्फोटकों की जांच तथा तत्काल कार्रवाई की तकनीकों में दक्ष बनाना था।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को सैद्धांतिक जानकारी के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों के उपयोग, संदिग्ध वस्तुओं की पहचान एवं स्थल सुरक्षा जांच प्रक्रिया का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
इस अवसर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता श्री ए.साईं मनोहर एवं पुलिस महानिरीक्षक श्री अंशुमान सिंह उपस्थित रहें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कोर्स विशिष्ट रूप से एंटी-सबोटाज (Anti-Sabotage) चेकिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है। आपको प्रशिक्षित करने का उद्देश्य है कि आप फील्ड में सक्रिय रूप से संभावित खतरों को पहचानें, उन्हें निष्क्रिय करें, और वीवीआईपी सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम उपाय अपनाएँ। आज देश की आंतरिक सुरक्षा को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
देश के शीर्षस्थ राजनैतिक स्तर से नक्सलवाद के सफाए एवं राष्ट्रविरोधी तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के संदेश VVIP सुरक्षा को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। नतीजतन, अब हमें हर पहलू पर और अधिक चौकसी बरतनी है|
उन्होंने कहा कि आपका मुख्य कार्य संभावित IED (बम) या एक्सप्लोसिव थ्रेट की पहचान करना, उन्हें डिटेक्ट करना, निष्क्रिय कराना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी खतरा कार्यक्रम या व्यक्ति विशेष तक न पहुँचे। इस प्रशिक्षण में आपको स्निफर डॉग्स, मेटल डिटेक्टर, बम डिफ्यूजिंग किट आदि के इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी। मैं आग्रह करता हूँ कि आप इसे केवल एक ड्यूटी न समझें, बल्कि एक गंभीर जिम्मेदारी समझें।
श्री मकवाणा ने कहा कि दुश्मन हमेशा नए तरीके खोज रहा है। इसलिए आपका अलर्ट रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि हमें भी फील्ड में "हैंड्स-ऑन प्रैक्टिस" पर ज़ोर देना होगा। सिर्फ क्लासरूम लैक्चर से काम नहीं चलेगा। इसके लिए जरूरी है, जिन अधिकारियों ने पहले यह कोर्स किया है, उनके साथ इंटरेक्शन हो। सबसे अहम, हर वीवीआईपी ड्यूटी को गंभीरता से लिया जाए। क्योंकि खतरा केवल वीवीआईपी को नहीं, बल्कि पुलिस स्टाफ, आम नागरिक और आपको खुद को भी होता है। आपकी डिटेक्शन क्षमता, सक्रिय भागीदारी और सजगता ही सुरक्षा की सबसे पहली और सबसे मजबूत दीवार है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ए.साईं मनोहर ने कहा कि वीवीआईपी ड्यूटी के दौरान आपको अनेक प्रकार की ज़िम्मेदारियाँ निभानी होती हैं—जैसे हेलीपैड, एयरपोर्ट, रूट इंतज़ाम, कार्यक्रम स्थल, कैंप व्यवस्था, और सेफ हाउस आदि। वीआईपी के भ्रमण की संभावना वाले स्थानों पर विशेष निगरानी रखनी होती है। वहाँ उपकरणों के साथ सघन चेकिंग की आवश्यकता होती है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद बनी रहे। इस कारण, वहां पूर्ण सतर्कता और समर्पण अपेक्षित होता है।