भोपाल l प्रदेश के निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक में शासन द्वारा अधिकृत पाठ्यक्रम की पुस्तके लागू करवाने हेतु आज अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह को ज्ञापन सौंपा l ज्ञापन के अनुसार...

विषयान्तर्गत निवेदन है कि प्रदेश के प्रत्येक शहर-कस्बे में संचालित सभी निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक में अलग-अलग पाठ्‌यक्रम का अध्यापन कराया जा रहा है, निजी स्कूल संचालक अपने-अपने विवेकानुसार पाठ्यक्रम का चयन कर निजी प्रकाशनों की पुस्तको से अध्यापन कराते हैं। और ये पुस्तके भी कुछ निश्चित ही दुकानों पर उपलब्ध होती हैं।

निजी स्कूलो का कक्षा 1 से 8 तक का पाठ्यक्रम शासकीय स्कूलों से अलग व लगभग तीन-चार गुना अधिक है, निजी स्कूलो की पुस्तको की कीमत भी बहुत है, जहाँ NCRT के लगभग 250 पृष्ठ की पुस्तक 65/-रु की है, तो वही निजी पकाशन की लगभग 124 पृष्ठ की पुस्तक लगभग 500/- रु की है l

सभी निजी स्कूलो में अलग-अलग पाठ्यक्रम होने से विद्यार्थियों में आपस में हीनता व असमानता का भाव उत्पन्न होता है. साथ ही निजी स्कूलो के अत्याधिक पाठ्‌यक्रम होने से बच्चों पर मानसिक दबाब, शारीरिक थकान व तनाव होने से बच्चे अन्य सांस्कृतिक, साहित्यिक व खेलकुद आदि गतिविधियों में सहभागिता करने में भयभीत होते हैं। साथ ही निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम की पुस्तके अधिक महंगी होने से पालको पर भी आर्थिक दवाब रहता है।

म.प्र. राजपत्र 3. 474 भोवाळ शुक्रवार दिनांक 4 दिसम्बर

2020 - अग्रहायण 13 शक 1942 के पृष्ठ 3.4 बिन्दु (८) संबंधित विषयों का विनियमन (1) के (ग) निजी विद्यालय प्रबंधन बारा पाठ्‌यपुस्तकों का निर्धारण से संबद्धता नोर्ड अथवा वरीक्षा निकाय के विनियमों के अनुसार विनिश्चित किया जाएगा जिसके कि वह संबद्ध है (राजपत्र की प्रति संलग्न)

अतः आपसे सविनय अनुरोध है कि निजी स्कूल की मंहगी पुस्तको के कारण पालको पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव से बचने एवं बच्चों की मनोस्थिति, बौद्धिक क्षमता व मानसिक क्षमता को देखते हुए, शासन द्वारा विद्वान, विषय विशेषज्ञों से तैयार करवाये गये पाठ्यक्रम को प्रदेश के -समस्त निजी विद्यालयों में लागू करवाने की महती कृपा करे।