महिला एवं बाल विकास विभाग : तय दुकान,तय तारीख, तय रकम भ्रष्टाचार का खुला खेल
महिला एवं बाल विकास विभाग में फर्जी भुगतान का खुलासा
हर महीने 9000 रुपये का फोटो कॉपी बिल
रायसेन (हरीश मिश्र , 9584815781)। महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। सूचना के अधिकार के जरिए हुए खुलासे में पता चला है कि विभाग जिले की विभिन्न फोटो कॉपी और कंप्यूटर दुकानों को हर माह 9000 /रुपये फोटो कॉपी का भुगतान कर रहा है, वो भी बिना किसी वास्तविक कार्य के।
सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों से स्पष्ट हुआ कि जिन दुकानों को भुगतान किया गया, उनमें गौरव स्टेशनरी फोटो कॉपी (बरेली), खान कंप्यूटर एंड ऑल सॉल्यूशन (सांची), निलेश कंप्यूटर (बेगमगंज), धर्मेंद्र कंप्यूटर (रायसेन), अंकित कंप्यूटर्स (गैरतगंज), प्रमोद कंप्यूटर्स (बरेली) और मुस्कान कंप्यूटर्स (उदयपुर) शामिल हैं। दस्तावेजों के अनुसार, इन दुकानों द्वारा मात्र महिला एवं बाल विकास विभाग में बिल लगाए जाते हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि ये सभी दुकानदार महीने में परियोजना अधिकारियों को 9000/ रुपये का बिल प्रस्तुत करते हैं। हैरानी की बात यह है कि न तो बिल की राशि कभी कम होती है और न ही ज्यादा। यह पैटर्न रायसेन, बेगमगंज, गैरतगंज, उदयपुरा, बरेली, सिलवानी, औबेदुल्लागंज और सांची ब्लॉकों में एक जैसा पाया गया है।
*हर ब्लॉक में एक तय दुकान और तय रकम का खेल*
सूचना का अधिकार से मिले दस्तावेज बताते हैं कि जिले के लगभग हर ब्लॉक में यही फार्मूला अपनाया जा रहा है—एक तय दुकान, तय तारीख और तय रकम। यानी विभागीय मिलीभगत से सरकारी पैसों की बंदरबांट का यह खेल सुनियोजित तरीके से जारी है।
क्या बोले अधिकारी ?
जब इस गड़बड़ी पर परियोजना अधिकारियों, रायसेन से सवाल किया गया, तो उन्होंने सफाई दी, "भुगतान नियमानुसार होता है, दस्तावेजों की जांच करवा लेंगे।" लेकिन सूचना का अधिकार से मिले दस्तावेज ही इस पूरे फर्जीवाड़े के सबसे बड़े सबूत बनकर सामने आए हैं। अब सवाल यह है कि क्या विभाग खुद अपने खिलाफ कार्रवाई करेगा या लीपापोती कर मामला दबा दिया जाएगा?