हरदा जिले में संचालित एक विद्यापीठ के प्रबंधक ने वहां पढ़ने वाले छात्र के साथ मानवता की सारी हदें पार कर, जमकर मारपीट की हैं। कक्षा सात में पढ़ने वाले इस बच्चे का आरोप है कि उसका कसूर सिर्फ इतना था कि, वह एक आम के पेड़ के नीचे खड़ा था। लेकिन पेड़ से आम तोड़ने की शंका मात्र के चलते, उस बालक को प्रबंधक ने बुलवाकर पहले दीवार पर फेंका। इतने से भी उस अमानवीय गुरु का जब मन नही भरा, तो उसने छात्र को घसीटा और मोटे डंडे से उसकी जमकर पिटाई भी की। छात्र के दिव्यांग पिता का आरोप है कि, शिक्षक से राक्षस बने विद्यापीठ के प्रबंधक रामवीर व्यास इतने पर भी नहीं रुके और दर्द से कराह रहे उनके पुत्र का तीन दिन तक इलाज भी नहीं कराया गया। जब उनके पुत्र ने फोन कर ऊनसे मदद मांगी, और वे यहां पहुंचे। तब बालक का चेकअप कराया गया, तो उसके हाथ और पैर की हड्डियां इस मारपीट की वजह से टूटी निकलीं। जिसके बाद उन्होंने ही उसका इलाज कराया। वहीं उनका कहना है कि, उनका पुत्र अब तक भी अपने साथ हुई उस मारपीट की घटना से बहुत डरा सहमा हुआ है और उन्हें अब उनके पुत्र के साथ इस विद्यापीछ में आगे और भी कुछ बुरा होने का अंदेशा है। जिसके चलते वे अब उसकी आगे की पढ़ाई किसी अन्य विद्यालय में पूरी करवाएंगे। हरदा जिले में ग्राम गोंदागाँव में गंगेश्री मठ का यह ख्याति प्राप्त वैदिक विद्यापीठम है। जहां विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा मे वेदों की पढ़ाई कराई जाती है। यहां देश के कई राज्यों से छात्र पड़ने आते हैं, और यहीं रहकर पढ़ाई करते हैं।