मंत्रियों के गृह जिले के सरकारी अस्पताल से आई शर्मनाक तस्वीर

दमोह जिला अस्पताल में एंबुलेंस से उतरने के बाद एक गर्भवती महिला को ना तो स्ट्रेचर मिला और ना ही व्हीलचेयर, जबकि उसे ड्रिप लगी थी। महिला के साथ आई उसकी रिश्तेदार ड्रिप हाथ में पकड़े खड़ी रही। यह घटना रविवार शाम चार-पांच बजे की है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अब अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि हो सकता है महिला ने कोई मदद न मांगी हो। हटा के नवोदय वार्ड निवासी गर्भवती महिला अर्चना पति रीतेश रजक को गंभीर हालत में रविवार शाम जिला अस्पताल लाया गया था। महिला एमसीएच वार्ड के बाहर खड़ी हो गई। जेठानी पूजा ने बताया कि अर्चना की यह दूसरी डिलीवरी है, आठ माह का गर्भ है। दोपहर से देवरानी को ब्लीडिंग हो रही थी। हटा अस्पताल लेकर गए तो वहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां आने के बाद एंबुलेंस से उतरने के बाद गेट से पैदल ही हॉल तक ले गए। देवरानी को ड्रिप लगी थी, इसलिए मैंने अपने हाथ में बॉटल पकड़ ली। यहां न तो व्हीलचेयर मिली, न ही स्ट्रेचर।
सिविल सर्जन डॉ. रवींद्र सिंह का कहना है कि महिलाओं को अंदर तक पहुंचाने के लिए व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध है। किसी ने जानकारी के अभाव में मांग न की हो, यह भी हो सकता है, फिर भी मैं दिखवाता हूं। जिस जिले से मध्य प्रदेश सरकार में दो मंत्री हैं उस जिले के सरकारी अस्पताल के ऐसे हालात हैं l