झाबुआ l थांदला में वर्ष 2024 को एक महिला का शव नदी में मिला था। शव क्षत-विक्षत था। चेहरा भी पहचान में नहीं आ रहा था। मृत महिला की पहचान  ललिता के रिश्तेदार व परिजनों की। इसके बाद शव का उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने भी शिनाख्त बगैर डीएनए टेस्ट के कर ली। बाद में पुलिस जांच में पता चला कि ललिता की दोस्ती शाहरुख नामक युवक के साथ थी। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। इसके बाद यह कहानी बनाई कि पांच सौ रुपये के विवाद में शाहरुख ने अपने साथ इमरान, एजाज, सोनू और अजीम के साथ लाठी-डंडों से पीट कर ललिता को मार डाला। पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

 डेढ़ साल बाद मार्च माह में युवती थाने पहुंची और कहा कि वह जिंदा है। मजदूरी के लिए डेढ़ साल से बाहर थी। पुलिस ने महिला की डीएनए टेस्ट कराया और तय हुआ कि नदी में मिला शव ललिता का नहीं था। इसके बाद कोर्ट में मामला पहुंचा। वकील ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। कोर्ट को बताया गया कि जिसकी हत्या के आरोप में पांच आरोपी जेल में बंद है, वह जीवित है। इसके बाद आरोपियों की रिहाई को लेकर फैसला सुनाया गया।