सीहोर l शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के साथ ही जिले में भी जल संरक्षण के उद्देश्य से जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान अपने अंतिम पड़ाव पर है। जिले में इस अभियान के तहत अनेक जल संरक्षण गतिविधियां आयोजित की गई। इस अभियान का उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से जल का संरक्षण करना तो था ही बल्कि उन सभी किसानों को खेत तालाब के माध्यम से पानी उपलब्ध कराना भी था, जिन्हें अपनी फसलों की सिंचाई के पर्याप्त पानी नही मिल पाता। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए अभियान के दौरान मनरेगा योजना के तहत जिले में अनेक किसानों के खेत तालाब निर्माण के कार्य स्वीकृत किए गए और खेत तालाबों का निर्माण कराया गया। कई खेत तालाबों का निर्माण अभी प्रगतिरत है। इन खेत तालाबों के निर्माण से वर्षा के जल का संरक्षण  तो हो ही रहा है, बल्कि किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए स्थाई जल का साधन मिल गया और वे इसमें मछली पालन कर रहे हैं।

 

      सीहोर जिले के आष्टा जनपद के ग्राम ग्वाली निवासी किसान श्री बाबूलाल ने भी मनरेगा योजना के तहत अपने खेत पर खेत तालाब का निर्माण कराया है। किसान श्री बाबूलाल कहते हैं कि उन्हें एक ऐसे जल स्त्रोत की आवश्यकता थी जिससे उनकी फसलों को पर्याप्त सिंचाई के लिए पानी मिल सके और वे उसमें मत्स्य पालन कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकें। फिर उन्हें मनरेगा योजना के बारे में पता चला और उन्होंने इसके लिए आवेदन किया। शासन ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसान श्री बाबूलाल को प्रोत्साहित करते हुए खेत तालाब बनाने के लिए 04 लाख 50 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की। इस राशि से किसान श्री बाबूलाल के खेत पर खेत तालाब का निर्माण कराया गया। किसान श्री बाबूलाल को इस खेत तालाब के माध्यम से सिंचाई के लिए पर्याप्त सिंचाई के लिए जल मिल रहा है और उन्होंने इस तालाब में मत्स्य पालन करने की भी योजना बनाई है, ताकि वे अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकें।

 

      प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए इस जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत अनेक जल संरक्षण गतिविधियां आयोजित कर जल सरंक्षण को तो बढ़ावा दिया ही गया है बल्कि खेत तालाब के निर्माण को भी प्रोत्साहित किया गया है ताकि वर्षा जल संरक्षण भी हो सके और किसानों को सिंचाई एवं रोजगार का स्थायी साधन भी मिल सके। किसान श्री बाबूलाल की यह कहानी जल गंगा संवर्धन अभियान और मनरेगा योजना की सफलता का जीवंत उदाहरण है।