सवा शेर की तारीफ तो सब करते हैं पर जिम्मेदारी देते नहीं ....

भोपाल l बुंदेलखंड का सबसे चर्चित युवा नेता अभिषेक गोपाल भार्गव ना सिर्फ रहली विधानसभा क्षेत्र में, सागर जिले में, दमोह जिले में बल्कि पूरे बुंदेलखंड में अपनी एक अलग पहचान रखता है l उसकी एक आवाज पर हजारों युवा उसके पीछे चल पड़ते हैं, ऐसे मजबूत नेता को पार्टी में आखिर बड़ी जिम्मेदारी क्यों नहीं मिल पाती है ..? भाजपा का हर बडा़ नेता इस युवा की कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता का प्रशंसक है l चाहे वह स्वयं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हों, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा l जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मंत्री और सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा रहस मेला कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने भी मंच से ही कहा कि 'बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह। उन्होंने कहा कि दीपू भाई (अभिषेक) बढ़िया भाषण देते हैं। उनके पिता और हम सबसे वरिष्ठ गोपाल भार्गव का पूरा चुनाव वे ही देखते हैं। भार्गव जी एक भी दिन के लिए प्रचार के लिए नहीं निकलते, तब भी रिकॉर्ड वोटों के अंतर से जीतते हैं। इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अभिषेक की चाहे जब तारीफ करते थे और कहते थे कि बाप शेर है तो बेटा सवा शेर है l तब भी दीपू को उनकी योग्यता के अनुसार आज तक कोई पद नहीं मिला। वह भी तब जब सभी वरिष्ठ नेता इस बात से भली भांति परिचित है कि अभिषेक भार्गव बुंदेलखंड में भाजपा के लिए उनके पिता गोपाल भार्गव की तरह ही ट्रंप कार्ड साबित होंगे l शायद उन्हें इसलिए अनदेखा किया जाता है कि वह पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश विधानसभा के सबसे सीनियर विधायक के बेटे हैं लेकिन केवल किसी का पुत्र ,परिवार का सदस्य राजनीति में है तो उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता यदि नेता पुत्र योग्य नहीं है और उसे आगे बढ़ाया जाता है तो ये वंशवाद हो सकता है l परंतु यदि किसी का बचपन ही राजनीति में गुजरा है और वह कर्मण्य, योग्य और क्षमतावान है तो उसकी अनदेखी भी नहीं की जा सकती उसे राजनीतिक भूमिका अवश्य दी जानी चाहिए l वित्तीय प्रबंधन में मास्टर डिग्री लेने वाले अभिषेक भार्गव ने क्षेत्र में एक हेल्पलाइन शुरू की ,वह दिन-रात काम करती है l युवाओं की काउंसलिंग भी यहां की जाती है ,कहां रोजगार मिलेगा, कैसा मिलेगा ,सभी कुछ अभिषेक के हाईटेक ऑफिस में मौजूद है, युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए पूरे क्षेत्र में वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध है l अभिषेक अपने पिता की राजनैतिक ताकत भी बन चुके हैं परंपरागत राजनीति से हटकर यह युवा नेता हाईटेक तरीके से क्षेत्र प्रबंधन में लगा रहता है l हर मतदान केंद्र का डाटा इनके आईपैड पर मौजूद है, व्हाट्सएप इनके संपर्क का एक बड़ा जरिया है l संचार क्रांति में फेसबुक और इंस्टा में भी अभिषेक भार्गव की तगड़ी पकड़ है l मंत्री एवं विधायक गोपाल भार्गव द्वारा समय-समय पर क्षेत्र में किए जाने वाले बडे़-बडे़ कार्यक्रमों को अभिषेक ने और भी सुविधाजनक बना दिया है l जब भी वे मंच पर बोलते हैं तो बुंदेलखंड जैसे इलाके के लोगों की समस्याओं का हल भी सामने रखते हैं l स्वयं वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव भी अपने बेटे की सकारात्मक राजनीति और आभामंडल से प्रभावित हैं l उनका मानना है कि अभिषेक ने खुद अपने लिए अपनी राह तलाशी है और फिर उनका एक ही बेटा है वह मेरी ही विरासत को संभालेगा तो इसे वे गलत भी नहीं मानते l