फलदार आम और अमरूद के प्लांटेशन की मुहिम शुरू

टीकमगढ़ l आम के साथ खेतों, बागों में अमरूद के पेड़ लगाकर किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए जिले में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए बेंगलुरु और लखनऊ से मातृ वृक्ष (मदर प्लांट) लाकर पौध तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे सरकार की हरियाली बढ़ाने की योजना तो पूरी होगी ही, साथ ही इन फलदार वृक्षों से किसानों को इससे आमदनी भी बढ़ेगी। जिले में दोमट मिट्टी पाई जाने के कारण फलदार वृक्ष के लिए यह अनुकूल होती है। इसीलिए जिले में पहले आम और अमरुद के काफी बगीचे हुआ करते थे, लेकिन धीरे धीरे लोगों ने इस ओर रुचि लेना कम कर दिया। कुछ समय से फलदार वृक्षों की ओर किसानों का रुझान बढ़ा।
जिला उद्यानिकी अधिकारी अजय रोहित ने बताया कि बेंगलुरु और लखनऊ से मातृ वृक्ष (मदर प्लांट) लाकर आम और अमरूद की पौध तैयार की गई। इसके साथ ही जिले के किसानों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए और उनसे होने वाले लाभ के बारे में बताया जा रहा है। बताया गया कि एक एकड़ भूमि में यदि आम के 40 पेड़ हैं तो उसके साथ अमरूद के 100 पेड़ लगाए जा सकते हैं आम का फल 4 साल में मिलता है, जबकि अमरूद का पेड़ दो से तीन साल में फल देने लगता है। आम की फसल लेने वाले किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए एक ही बाग में आमदनी बड़ाने के लिए एक ही बाग में आम और अमरूद की फसल साथ में लगाने के विकल्प को चुन सकते हैं।
बागवानी संस्थान से प्रशिक्षण लेने वालों के माध्यम से भी जागरूकता लाई जा रही है कि बेहतर आय के लिए आम के साथ अमरूद के भी बाग लगा सकते हैं। जिला उद्यानिकी अधिकारी ने बताया चयनित किसानों के यहां निःशुल्क आम एवं अमरुद की वाटिका तैयार किए जाने पर कार्य शुरू कर दिया गया है।