पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के एसकेएम की बैठक से बाहर निकलने के एक दिन बाद, किसान नेताओं ने कहा कि राज्य पुलिस ने चंडीगढ़ में उनके नियोजित प्रदर्शन से पहले आधी रात को छापेमारी में कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। एसकेएम 37 किसान संघों का एक समूह है। मान ने संवाददाताओं से कहा कि जब एसकेएम नेताओं ने 5 मार्च से विरोध प्रदर्शन की योजना का उल्लेख किया तो वह बैठक से बाहर चले गए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हां, मैंने बैठक छोड़ दी, और हम उन्हें भी हिरासत में लेंगे। किसानों को पटरियों और सड़कों पर नहीं बैठने देंगे। उन्होंने आगे बताया कि मैनें किसानों से कहा कि आप हर दिन 'रेल रोको', 'सड़क रोको' विरोध प्रदर्शन करते हैं। इससे पंजाब को भारी नुकसान हो रहा है। राज्य को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। पंजाब धरना प्रदेश बनता जा रहा है। मेरी कोमलता को यह न समझें कि मैं कार्रवाई नहीं करता। जब लोगों से दिल्ली में हुए किसान आंदोलन और पंजाब में हो रहा है l किसान आंदोलन को लेकर भोपाल के एक किसान से चर्चा हुई तो उनमें से एक भोपाली किसान ने ठेठ देहाती भाषा में कहा कि अब आग में घी डालने वालों के घर तक ही पहुंच गई है  आग ... ऐसा शायद उस किसान ने इसलिए कहा कि जब दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा था तब दिल्ली सरकार का रवैया उनके प्रति सहानुभूति पूर्वक वाला रहा था और अब उन्हीं किसानों को लेकर रवैया बदल गया है l